उत्तरप्रदेशराज्य

LIVEBHARATTVयूपी पंचायत चुनाव : इस बार बदल सकते हैं 70 फीसदी गांवों का आरक्षण, जानिए क्या है नया फार्मूला

दावेदारों की धड़कनें बढ़ीं

यूपी पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। वोटर लिस्ट जारी हो चुकी हैं, अब लोगों की निगाहें आरक्षण सूची पर लगी हैं। आरक्षण सूची जारी होने के बाद ही यह तय हो पाएगा कि कौन सा गांव किस वर्ग के लिए आरक्षित हुआ है। इसके आधार पर चुनाव की तैयारी कर रहे कई दावेदारों को झटका भी लग सकता है। यही कारण है कि अधिकांश दावेदार अभी तेजी से प्रचार करने से बच रहे हैं। उन्हें डर है कि यदि आरक्षण बदल गया तो उनकी मेहनत खराब हो जाएगी।

यूपी के पंचायती राजमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया है कि इस बार पंचायत चुनाव में आरक्षण रोटेशन के आधार पर ही होगा। उन्होंने बताया कि 2015 में हुए चुनाव के समय रोटेशन प्रक्रिया को शून्य घोषित करके नए सिरे से आरक्षण जारी किया गया था। इस बार ऐसा नहीं होने जा रहा है। मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि अब रोटेशन प्रक्रिया से होने वाले आरक्षण से जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और गांव पंचायतों की करीब 70 फीसदी सीटों की मौजूदा स्थिति में बदलाव हो सकता है। पंचायत चुनाव पूरी निष्पक्षता के साथ कराने के लिए सभी लोग तैयार है। शासन ने चक्रानुक्रम में आरक्षण करने की तैयारी कर ली है। जल्द ही ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के आरक्षण की सूची जारी हो जाएगी। फरवरी के पहले सप्ताह में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो सकती है।

  1. दावेदारों की धड़कनें बढ़ीं :

गांव गांव दावेदारों की लंबी सूची हैं। कुछ खुलकर सामने आ गए है तो कुछ दबी जुबान में तैयारी कर रहे है। लेकिन सभी की एक नजर आरक्षण के फार्मूला पर लगी हैं। हालांकि ज्यादातर दावेदारों के पास बी-प्लान भी हैं कि मेरा नहीं आया तो तेरा सही। एक दूसरे का समर्थन करने की भी बुनियाद तैयार की जा रही हैं। समर्थक भी असमंजस में हैं और कोई किसी को नाराज नहीं कर रहा हैं। लेकिन इंतज़ार जितना बढ़ता जा रहा हैं, दावेदारों की धड़कनें उतनी ही तेज होती जा रही हैं। 2015 में ग्राम पंचायतों में आरक्षण शून्य किया गया था। जो भी बड़ी वजह है कि उम्मीदवारों की उलझन और ज्यादा बढ़ गई है। बहरहाल एक पखवाड़े के बाद ही यह तय हो पाएगा कि कौन से वार्ड और ग्राम सभा में किस जाति के लिए चुनाव लड़ने को सीट अरक्षित करने का काम किया गया है। ऐसे में सिवाय इंतजार के कोई चारा नहीं हैं।

न्यूज़ एजेंसी

Related Articles

Back to top button