
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस नृशंस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। आतंकवादियों ने इस लोकप्रिय पर्यटन स्थल को निशाना बनाया, जहाँ पर्यटक शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने पहुंचे थे। अंधाधुंध गोलियों की बौछार ने घाटी को खून से रंग दिया और एक दर्दनाक इतिहास लिखा।
भारत का आक्रामक रुख:
हमले के तुरंत बाद, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए। सिंधु जल समझौते को निलंबित करना, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करना, और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को रोकना भारत के आक्रामक रुख को दर्शाते हैं। यह कदम आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत के संभावित हमले को लेकर हाई अलर्ट की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल केवल तभी होगा जब पाकिस्तान के अस्तित्व पर सीधा खतरा होगा। इससे साफ पता चलता है कि पाकिस्तान इस तनावपूर्ण स्थिति में अत्यधिक सावधान है और रणनीतिक फैसलों पर जोर दे रहा है।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता:
इस घटना ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा होने की याद दिलाई है। देशभर में आतंकियों और उनके पनाहगारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग हो रही है। भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि देश की सुरक्षा और नागरिकों की जान के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।