मोबाइल और ईयरफोन ने छीन ली दो मासूमों की ज़िंदगी ट्रेन से कटकर हुई दर्दनाक मौत।

बाल कटवाने निकले थे घर से, लौटे सफेद कफ़न में लौटे
बरेली।
सोमवार की सुबह एक हृदयविदारक हादसे ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। मोबाइल और ईयरफोन में उलझे दो स्कूली बच्चों की ट्रेन से कटकर मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा न केवल दो मासूमों की जिंदगी को लील गया, बल्कि तकनीक के लापरवाह इस्तेमाल पर भी एक बड़ा सवाल छोड़ गया।
गायत्री नगर निवासी ऋषिदेव यादव का 14 वर्षीय बेटा आदित्य यादव और 11 वर्षीय पंकज, पुत्र ओमवीर, सुबह करीब 9 बजे बाल कटवाने के बहाने घर से निकले थे। दोनों पास के रेलवे ट्रैक पर पहुंचे, लेकिन मोबाइल पर वीडियो देखने में इतने मशगूल थे कि सामने से आ रही तेज रफ्तार ट्रेन को देख ही नहीं पाए।
ईयरफोन बना मौत की दीवार
स्थानीय लोगों के अनुसार, बच्चों ने ईयरफोन लगा रखा था। उन्होंने ट्रेन के हॉर्न की आवाज तक नहीं सुनी। लोगों ने चिल्लाकर सतर्क करने की कोशिश की, लेकिन ईयरफोन ने उनकी सुनने की शक्ति जैसे छीन ली। कुछ ही सेकंड में ट्रेन आई और दोनों मासूमों को अपने साथ खींच ले गई।
एक झटके में सब कुछ उजड़ गया
आदित्य जहां कक्षा 8 का छात्र था, वहीं पंकज कक्षा 7 में पढ़ता था। हादसे की सूचना मिलते ही इलाका गमगीन हो गया। आदित्य की मां अनीता देवी बेटे की लाश देख बार-बार बेहोश हो रही थीं। उधर, पंकज के माता-पिता मायावती और ओमवीर किसी काम से बाहर गए थे—जब उन्हें खबर मिली तो होश ही उड़ गए और वे बदहवासी में बरेली के लिए रवाना हो गए।
मोबाइल बना काल तकनीक से आगे है सतर्कता
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि बच्चों ने ईयरफोन न लगाए होते, तो यह हादसा शायद टल सकता था। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में मातम का माहौल है। हर किसी की जुबान पर एक ही सवाल है”क्या मोबाइल की लत बच्चों से उनकी जिंदगी छीन रही है?”
पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
सूचना मिलते ही इज्जतनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पूरे मोहल्ले में शोक की लहर है और लोग अब अपने बच्चों को लेकर अधिक सतर्क हो गए हैं।