उद्यमिता ही देश की रीढ़: वन मंत्री बोले – लोन न देने वाले बैंकों पर होगी कार्रवाई

बरेली। उत्तर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने शुक्रवार को बरेली के अर्बन हाट ऑडिटोरियम में आयोजित ‘एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव’ में उद्यमियों को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन कुछ बैंक सहयोग नहीं कर रहे हैं
डॉ. कुमार ने चेतावनी दी कि जो बैंक उद्यमियों को लोन देने में आनाकानी कर रहे हैं, उनके यहां वन विभाग की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) नहीं कराई जाएगी। जिलाधिकारियों को ऐसे बैंकों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
“लोन नहीं देंगे तो होगी कार्रवाई” – वन मंत्री
मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने कहा:“बैंकों को ये अधिकार नहीं है कि वे जबरन लोन आवेदन रिजेक्ट करें। यदि ऐसी शिकायतें आईं तो कड़ी कार्रवाई होगी। जिला स्तर पर ऐसे मामलों की निगरानी की जा रही है।”उन्होंने कहा कि बैंकों की अड़चनों से अगर उद्यमिता रुक रही है तो यह देश के विकास में बाधा है। हर जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे लोन व सब्सिडी से जुड़े सभी लंबित मामलों की सूची बनाएं।
यूपी बन रहा है इंडस्ट्रियल हब
डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि– यूपी में अब तक 18 लाख करोड़ रुपये के औद्योगिक करार हो चुके हैं। 27 हजार से अधिक फैक्ट्रियां प्रदेश में कार्यरत हैं। नोएडा में सेमीकंडक्टर, MSME, एयरपोर्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर तेज़ी से काम हो रहा है। कानून व्यवस्था सुधरने के बाद उद्यमियों का पलायन रुका है, वे वापस आकर निवेश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 2023 तक यूपी ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ की ओर अग्रसर है।
हर सरकारी दफ्तर में उद्यमियों का सम्मान हो
वन मंत्री ने अफसरों को निर्देश दिया कि हर सरकारी कार्यालय में उद्यमियों का सम्मान होना चाहिए। किसी भी प्रकार के उत्पीड़न की सूचना पर सीधी कार्रवाई की जाएगी।
एमएसएमई को दी जाएगी प्राथमिकता – सांसद का आह्वान
सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार ने कार्यक्रम में कहा कि बहेड़ी और आसपास के क्षेत्रों में एग्री-बेस्ड इंडस्ट्री की अपार संभावनाएं हैं।“जो उद्यमी नए उद्योग लगाना चाहते हैं, उन्हें हरसंभव सहयोग दिया जाएगा। इससे किसान की आमदनी भी बढ़ेगी।