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1 लाख का इनामी डकैत ‘शैतान उर्फ इफ्तेखार’ एनकाउंटर में ढेर

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बरेली। गुरुवार तड़के नैनीताल रोड के बिलवा पुल के पास गूंजे गोलियों के शोर ने अपराध जगत की रीढ़ हिला दी। यह वही मुठभेड़ थी, जिसमें पुलिस ने एक लाख के इनामी डकैत शैतान उर्फ इफ्तेखार उर्फ सोल्जर को ढेर कर दिया वह अपराधी जिसने सात जिलों में दहशत फैला रखी थी। यह मुठभेड़ न केवल बरेली पुलिस की सूझबूझ और बहादुरी का प्रतीक है, बल्कि यह एसएसपी अनुराग आर्य की नेतृत्व क्षमता और खुफिया रणनीति का एक और बड़ा सबूत है।

 

पुलिस के रिकॉर्ड में यह डकैत 19 संगीन मामलों में वांछित था जिनमें चार हत्याएं और कई डकैतियां शामिल थीं। वर्ष 2006 में फरीदपुर के पचौमी मंदिर के पुजारी की हत्या और लूट के मामले में यह मुख्य आरोपी था। 2012 में यह बाराबंकी पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था और तभी से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड तक फैले अपराध जगत में इसकी दहशत बनी हुई थी। एसएसपी अनुराग आर्य ने इस खूंखार अपराधी पर कड़ी नजर रखी हुई थी। हाल ही में जब इस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित हुआ, तभी एसएसपी ने तय कर लिया कि अब इसका सफर खत्म होगा।

गुरुवार की तड़के पुलिस को एक सटीक खुफिया सूचना मिली “सोल्जर” बिलवा पुल के पास किसी वारदात की फिराक में है। सूचना मिलते ही एसएसपी अनुराग आर्य ने तीन थानों की पुलिस और एसओजी टीम को एकजुट किया। किसी भी अनहोनी से बचने के लिए ऑपरेशन की कमान खुद एसएसपी ने कंट्रोल रूम से संभाली और हर मूवमेंट पर बारीकी से नजर रखी।कुछ ही देर में पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की। तभी अंधेरे में गोलीबारी शुरू हो गई बदमाश ने फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की। जवाब में पुलिस ने काउंटर फायर किया। कुछ ही मिनटों में गोलियों की आवाज़ थम गई और कुख्यात सोल्जर जमीन पर पड़ा था कानून ने अपराध पर जीत दर्ज कर ली।मुठभेड़ के दौरान एसओजी के हेड कॉन्स्टेबल राहुल सिंह बहादुरी से आमने-सामने फायरिंग में घायल हो गए। उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार जारी है। एसएसपी अनुराग आर्य ने उनके साहस की सराहना करते हुए कहा कि “यह पुलिस का असली चेहरा है जनता की सुरक्षा के लिए हम हर जोखिम उठाने को तैयार हैं।”

एक अन्य बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला, जिसकी तलाश में कांबिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पुलिस ने मौके से 32 बोर की पिस्टल, दो मैगजीन, 17 जिंदा कारतूस, 28 हजार रुपये नकद, एक मोबाइल फोन और बिना नंबर की बाइक बरामद की। जांच में यह भी सामने आया कि सोल्जर अपराध करने के बाद गिरगिट की तरह नाम और ठिकाने बदल लेता था। वह इफ्तेखार, धूम, सोल्जर, शाकिर जैसे कई नामों से जाना जाता था। उसका स्थायी पता कासगंज, जबकि अस्थायी ठिकाना गाजियाबाद बताया गया है।

यह एनकाउंटर 2019 के बाद की सबसे बड़ी पुलिस कार्रवाई मानी जा रही है। जिस तरह से एसएसपी अनुराग आर्य ने टीमवर्क, इंटेलिजेंस और त्वरित निर्णय क्षमता के साथ यह ऑपरेशन संचालित किया, वह पूरे प्रदेश की पुलिस के लिए मिसाल बन गया है।

अब बरेली में अपराध करना मतलब अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना। एसएसपी का यह एनकाउंटर सिर्फ एक अपराधी का अंत नहीं, बल्कि जनता के विश्वास की पुनर्स्थापना है। बीते कुछ महीनों में उन्होंने अपराध नियंत्रण, गैंगस्टर कार्रवाई, महिला सुरक्षा और साइबर अपराध नियंत्रण जैसे कई मोर्चों पर कार्य किए हैं।उनकी प्राथमिकता हमेशा रही है जनता में विश्वास, अपराधियों में भय।”इसी सोच के तहत पुलिस लगातार रात्रि गश्त, मोबाइल टीमों की सक्रियता, खुफिया नेटवर्क का विस्तार और जनसहभागिता को बढ़ावा दे रही है। यही कारण है कि अब छोटे से छोटे सूचना तंत्र से भी अपराधियों की कमर तोड़ी जा रही है। “सोल्जर” का खात्मा उस सोच की जीत है, जो कहती है “कानून की पकड़ से बड़ा कोई नहीं।”

जो भी अपराधी समाज की शांति भंग करेगा, उसके लिए अब बरेली में कोई जगह नहीं। अपराधी अगर सुधरेगा नहीं, तो अंजाम यही होगा -अनुराग आर्य, एसएसपी बरेली

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