कागज़ी प्रक्रिया में फंसे मुतवल्ली, दरगाह में लगा वक्फ हेल्प कैंप बना सहारा

बरेली। वक्फ संपत्तियों को उम्मीद पोर्टल पर दर्ज कराने की सरकारी प्रक्रिया के बीच रविवार को दरगाह आला हज़रत में तहरीक-ए-तहफ़्फुज़-ए-सुन्नियत (टीटीएस) की ओर से वक्फ हेल्प कैंप आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सज्जादानशीन बदरूशशरिया मुफ्ती अहसन मियां ने की। कैंप में बरेली समेत आसपास के कई जिलों से बड़ी संख्या में मुतवल्ली पहुंचे और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी हासिल की।
जानकारी के अभाव में पीछे रह गए कई मुतवल्ली
सरकार ने वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 5 दिसंबर तय की है। मस्जिद, मदरसा, दरगाह, खानकाह और कब्रिस्तान जैसी संपत्तियों के कई मुतवल्ली अब भी कागज़ी जानकारी और प्रक्रिया से अनजान थे। इसी चुनौती को देखते हुए दरगाह में यह सहायता कैंप लगाया गया।
वक्फ बोर्ड कोऑर्डिनेटर हाजी फैज़ मंसूरी और आलेनबी ने बताया कि कई लोग बिना जरूरी दस्तावेज़ पहुंचे थे। उन्हें सलाह दी गई कि वे अपने कागज़ जल्द व्यवस्थित कर लाएं। कैंप में उपलब्ध टीम ने दस्तावेज़ों की सूची और रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया आसान भाषा में समझाई
प्रदेशभर से आए कॉल, मौके पर ही हुए रजिस्ट्रेशन
नासिर कुरैशी के मुताबिक, बहेड़ी, आंवला, मीरगंज, नवाबगंज, बरेली शहर सहित करीब 200 से अधिक मुतवल्ली कैंप में पहुंचे। साथ ही कानपुर, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, पीलीभीत, आगरा, झांसी सहित कई जिलों से भी फोन कॉल आए, जिन्हें वक्फ संपत्ति पंजीकरण से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई गई। जो लोग दस्तावेज़ साथ लाए थे, उनका रजिस्ट्रेशन वहीं मौके पर अदनान हुसैन और इशरत नूरी द्वारा तुरंत उम्मीद पोर्टल पर पूरा किया गया।
अगला कैंप 24 नवंबर को छः मीनारा मस्जिद में
जो लोग आज रजिस्ट्रेशन नहीं करा सके, उन्हें दरगाह द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 9897070701 पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।
अगला वक्फ हेल्प कैंप 24 नवंबर (सोमवार) को
काकर टोला स्थित छः मीनारा मस्जिद में शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक आयोजित किया जाएगा।
सज्जादानशीन अहसन मियां की अपील
मुफ्ती अहसन मियां ने लोगों से अपील की कि उम्मीद पोर्टल के साथ-साथ देश के कई राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया भी चल रही है। बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने सभी मुतवल्लियों से समय पर फॉर्म भरकर जमा करने की अपील की ताकि वक्फ संपत्तियों का सही रिकॉर्ड सुरक्षित रह सके।
कैंप में मौजूद रहे
शाहिद नूरी, मुजाहिद रज़ा, परवेज़ नूरी, सय्यद माजिद, अदनान हुसैन, औरंगज़ेब नूरी, काशिफ सुब्हानी, अजमल नूरी, इशरत नूरी सहित कई जिम्मेदार लोग आयोजन में सक्रिय रहे।





