बैंक की जांच में अटके पड़े हैं उपभोक्ता के पच्चीस हजार रुपए,
दो वर्ष पूर्व उसके खाते से निकल गई थी रकम
नवाबगंज । साइबर ठगों ने एक ग्रामीण के खाते एक ही दिन में तीन बार में25 हजार रुपए आहरित कर लिए । मामले की शिकायत करने पर उसके खाते में रुपए वापस तो आ गए लेकिन बैंक जांच में अटक कर रह गए हैं। उपभोक्ता ने पुलिस को तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की है।
साइबर ठगी के मामलों पर रोक नहीं लग पा रही हैं जिसमें बैंक कर्मी भी खेल कर रहे हैं ऐसे ही एक मामले में ग्रामीण बैंक का कैशियर भी लिप्त पाया गया है जिसे निलम्बित करने के बाद उसके विरुद्ध जांच तो चल रही है लेकिन ठगी का शिकार हुए ग्राहकों को कोई राहत नहीं मिल पा रही है। दो वर्ष पूर्व 13 नवम्बर2020 को गुलड़िया लेखराज वासी सीताराम के पुत्र शिवशंकर के पंजाब नेशनल की नगर शाखा के खाते से तीन बार में25 हजार46 रुपए निकल गए । जिसकी शिकायत आईजीआरएस व साइबर सेल में शिकायत करने पर आठ दिन बाद ही उसके खाते में वापस भी आ गए, लेकिन एक दो दिन में ही पुनः खाते से गायब हो गए । इस मामले में साइबर सेल ने बैंक को ही दोषी करार देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजी दि018 फरवरी2021 की आख्या में उपभोकता का रुपया बैंक से ही दिलाए जाने को लिखा था। लेकिन ये क्या साइबर क्राइम विभाग की रिपोर्ट आने के बाद भी बैंक उसका रुपया नहीं दे रहा है और अब उसकी रकम बैंक जांच में अटक कर रह गई है।
इसके अलावा बड़ौदा उ0 प्र0 ग्रामीण बैंक की नगर शाखा से भी तीन खातेदारों के खातों से15 नवम्बर,18 नवम्बर व19 नवम्बर2022 में ढाई लाख से भी अधिक की रकम चेक से निकाल ली गई, जबकि इनमें से किसी भी उपभोक्ता ने बैंक से चेक बुक ही इश्यू नहीं कराई थी । इस घोटाले में बैंक शाखा का कैशियर ही लिप्त पाया गया है जिसे निलम्बित भी कर दि दिया गया है लेकिन उपभोक्ताओं को उनका रुपया वापस नहीं मिल सका है।
शाखा प्रबन्धक जगदीश प्रसाद ने बताया कि मात्र तीन नहीं कई खातेदारों के खातों से इसी तरह से रकम निकाली जा चुकी है जांच में शाखा का कैशियर प्रिंस कुमार ही दोषी पाया गया है जिसे निलम्बित कर जांच आख्या मुख्यालय भेज दी गई है। मुख्यालय के निर्देशों पर ही अगली कार्यवाही अमल में लाई जाएगी ।
रिपोर्ट विवेक