
आज शनिवार को पूरे जिले में भारी सुरक्षा के बीच ताजिया जुलूस निकाला गया। मुस्लिम समाज के लोग मातम करते हुए ताजिए को कर्बला तक ले गए। इसके साथ प्रशासन की पूरी तैयारियां सुरक्षा को लेकर पुलिस ने खास बंदोबस्त किया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात हैं।
यह त्योहार हजरत इमाम हुसैन की याद में मनाया जाता है। मुहर्रम को देखते हुए बरेली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जिले में शनिवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ताजिया जुलूस निकाला जाएगा।
मुस्लिम समाज के लोग मातम करते हुए ताजिए को कर्बला तक ले गए।
ताजिया जुलूस
या हुसैन-या अली… की गूंज के साथ शनिवार को ताजिया जुलूस निकाला गया। चारों तरफ गम की फिजा । हर आंखें अश्कबार रहेंगी। इमामबाड़ों से या हुसैन की सदाएं बुलंद हो रही होंगी। अकीदतमंद नबी करीम के नवासे इमाम हुसैन की याद मनाने के लिए ताजिया को आखिरी रूप दे चुके हैं। साथ ही अलम और मन्नती ताजिए भी बनाए जा चुके हैं। जिले में शहर एवं देहात क्षेत्र कलारी ,भड़सर ,सावर खेड़ा, सैदपुर खजुरिया, ठिरिया मोहनपुर, केसरपुर आदि इलाके में बनाए जाते हैं। जिले में एक से एक ऊंचे और अच्छे ताजिए बनते हैं। आज ताजिया जुलूस निकाला गया।
इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है ये त्यौहार
भारत में ताजिया उठाने का सिलसिला तैमूर लंग के जमाने से शुरू हुआ। इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुहर्रम मनाया जाता है। यह मातम का दिन है। इमाम हुसैन अल्लाह के रसूल पैगंबर मोहम्मद के नाती थे। मोहर्रम एक महीना है, जिसमें शिया मुस्लिम 68 दिनों तक इमाम हुसैन की याद में शोक मनाते हैं।
बरेली से देवेंद्र पटेल की रिपोर्ट






