बरेली की तीन छात्राओं ने यूपी बोर्ड इंटर परीक्षा में टॉप टेन में बनाई जगह, जिले का नाम किया रोशन

बरेली। उत्तर प्रदेश बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के परिणामों ने बरेली शहर को गर्व महसूस कराया है। इस साल, बरेली के सर्वोदय जन कल्याण इंटर कॉलेज की तीन प्रतिभाशाली छात्राओं ने प्रदेश के टॉप टेन में जगह बनाई है, जिससे न केवल उनके कॉलेज का नाम रोशन हुआ बल्कि बरेली जिले का भी मान बढ़ा है।
डिंपल मौर्य ने 500 में से 479 अंक हासिल करके प्रदेश में छठा स्थान प्राप्त किया। इसी कॉलेज की रिया सोमवंशी ने 500 में से 476 अंक प्राप्त करके प्रदेश में नौवां स्थान हासिल किया। वहीं, तूबा खान ने बरेली मंडल में टॉप किया और प्रदेश में पांचवां स्थान प्राप्त किया, उन्हें 500 में से 480 अंक मिले।
इन परिणामों से बरेली के शिक्षा क्षेत्र में एक नई ऊर्जा आई है, और इन छात्राओं ने यह साबित कर दिया कि सही दिशा और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। इन छात्राओं की सफलता न केवल उनके परिवारों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह पूरी बरेली नगर निगम और राज्य के शिक्षा विभाग के लिए गर्व की बात है।
उद्योगपतियों और शिक्षा जगत के प्रतिक्रिया: बरेली के प्रमुख उद्योगपति और शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इन छात्राओं की सफलता की सराहना करते हुए कहा कि ये परिणाम एक नई दिशा की ओर संकेत करते हैं। शहर के विकास और छात्रों की मेहनत को लेकर उन्होंने विश्वास जताया कि बरेली आगे भी शिक्षा के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल करेगा।
मंडल और राज्य भर में सफलता का परचम: इन छात्राओं की सफलता ने बरेली मंडल के शिक्षा क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा है। तूबा खान का प्रदेश में पांचवां स्थान और डिंपल मौर्य और रिया सोमवंशी का टॉप टेन में स्थान हासिल करना इस बात का प्रमाण है कि बरेली में प्रतिभाओं की कमी नहीं है।
बरेली मंडल का आंकड़ा: इस साल यूपी बोर्ड इंटर परीक्षा में बरेली मंडल के 2.83 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था। कड़ी निगरानी में परीक्षा आयोजित की गई और सभी 421 केंद्रों पर परीक्षा संपन्न हुई। अब इन छात्राओं की सफलता अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है और यह साबित करती है कि मेहनत और समर्पण से कोई भी कठिनाई पार की जा सकती है।
अंत में, बरेली के इन होनहार छात्रों की सफलता प्रदेशभर में एक नई उम्मीद और विश्वास का प्रतीक बनी है। यह सफलता न केवल इन छात्राओं के लिए, बल्कि उनके शिक्षकों और परिवार के लिए भी गर्व
की बात है।