जिंदा जलाने वाले को उम्रकैद, दूसरा दोषी 20 साल को जेल
बरेली की अदालतों ने दो सनसनीखेज मामलों में सुनाया फैसला, सात दोषियों को सजा, सात बरी

बरेली। युवती को जिंदा जलाकर मारने के सनसनीखेज मामले में स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट देवाशीष ने दोषी शादाब को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं, दूसरे मामले में नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी साजिद को 20 साल कैद की सजा मिली है। दोनों मामलों में कुल सात अभियुक्तों को सजा सुनाई गई, जबकि सात को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया।
पहला मामला: बदायूं से अगवा कर युवती को जलाया
घटना की पृष्ठभूमि:
बदायूं के सहसवान थाना क्षेत्र निवासी व्यक्ति ने 29 सितंबर 2013 को बरेली के किला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि बदायूं के रमजानपुर निवासी शादाब उसकी 17 वर्षीय बहन को 3 सितंबर को अगवा कर ले गया।
घटना का खुलासा:
शादाब स्वालेनगर में किराये पर रहता था। 24 सितंबर को सूचना मिली कि उसने युवती को जिंदा जला दिया है। युवती को पहले जिला अस्पताल और फिर दिल्ली में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
अदालत का निर्णय:
दोषी शादाब को उम्रकैद और 20 हजार रुपये जुर्माना। मकान मालकिन की गवाही निर्णायक रही।
शबाव, शहबाज, जेहरा खातून, गुलनाज और शविनाज को बरी किया गया।
अभियोजन पीड़िता की नाबालिगता साबित नहीं कर सका, इसलिए पॉक्सो एक्ट हटा दिया गया।
दूसरा मामला: नाबालिग से दुष्कर्म, परिवार ने दी धमकी
घटना का ब्यौरा:
बिशारतगंज थाना क्षेत्र निवासी व्यक्ति ने आरोप लगाया कि 31 मई 2021 को साजिद उसकी नाबालिग बेटी को अगवा कर ले गया और दुष्कर्म किया। एक जून की रात जब परिजन साजिद के घर शिकायत करने गए, तो उसके परिवार ने जान से मारने की धमकी दी।
कोर्ट का फैसला:
साजिद को पॉक्सो एक्ट में 20 साल कैद और 32 हजार जुर्माना। साजिद के पिता साबिर, मां रजिया बी, भाई जाकिर और राशिद को छह-छह माह कैद और चार-चार हजार रुपये जुर्माना।
सजा अदा न करने पर अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी।
IPC की धारा 504, 506 और 149 के तहत दोष सिद्ध।
—प्रमुख बिंदु
दोनों मामलों में कुल 13 गवाह पेश किए गए।
पहली घटना 2013 की, फैसला 2025 में आया।
दूसरी घटना 2021 की, अभियोजन ने पॉक्सो एक्ट लागू करने में सफलता पाई।
कोर्ट ने विवेचकों की भूमिका पर सवाल उठाए, खासकर पहले मामले में।






