2027 का एजेंडा तय: बरेली की हर सीट पर सपा का झंडा

पार्टी पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बरेली की नौ विधानसभा सीटों — बरेली, कैंट, नवाबगंज, भोजीपुरा, आंवला, फरीदपुर, मीरगंज, शीशगढ़ और बेदी — में से एक भी सीट पर भाजपा को मौका नहीं दिया जाएगा। हर विधानसभा में संगठन को मजबूत कर सपा प्रत्याशियों को जीत दिलाने की रणनीति पर काम शुरू हो चुका है।
“2027 के चुनाव में सपा जिले की सभी सीटें जीतेगी। समाजवादी विचारधारा की वापसी अब ज़रूरी है।” -शिवचरण कश्यप, सपा जिला अध्यक्ष
25 साल बाद आंवला में जीत, जनता के विश्वास की जीत
सपा नेताओं ने कहा कि आंवला सीट पर 25 साल बाद जीत सिर्फ एक चुनावी परिणाम नहीं, बल्कि जनता के भरोसे का प्रमाण है। भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा गया कि नीतियां सिर्फ कागज़ों में चल रही हैं, ज़मीन पर विकास शून्य है।
“जनता अब भाजपा के खोखले वादों से ऊब चुकी है। विकास ठप है और बजट की कटौतियों से आमजन प्रभावित हो रहा है।”
— शमीम खां सुल्तानी, सपा महानगर अध्यक्ष
PDA के सहारे सपा की रणनीति, नए समीकरण पर फोकस
सपा का नया फोकस PDA यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग है। पार्टी नेताओं ने दावा किया कि यह वर्ग भाजपा की असलियत जान चुका है और सपा को ही अपना विकल्प मान रहा है। यही वर्ग 2027 में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
इटावा हिंसा पर सपा का हमला: प्रशासनिक फेलियर
इटावा में हुई हिंसा को लेकर सपा नेताओं ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि घटना में दोनों पक्षों की गलती तो है, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन पूरी तरह विफल रहा है। सपा ने निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।