बरेली में पाकिस्तान की महिला ने बना डाले फर्जी दस्तावेज, ऑपरेशन ‘खोज’ में चौंकाने वाला खुलासा
दीर्घकालिक वीजा पर रह रही थी महिला, बिना नागरिकता लिए बनवाया आधार और राशन कार्ड, खुद को बताया परिवार का मुखिया

बरेली। एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन खोज’ के तहत थाना बारादरी पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर किया है। पाकिस्तान की मूल निवासी फरहत सुल्ताना ने भारत की नागरिकता लिए बगैर ही आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसे संवेदनशील सरकारी दस्तावेज बनवा लिए, और खुद को राशन कार्ड में परिवार का मुखिया तक घोषित कर दिया।
पति बना रास्ता, सिस्टम ने आंखें मूंदी रखीं
फरहत सुल्ताना ने बरेली के सूफीटोला निवासी शाहिद खलील से विवाह किया और दीर्घकालिक वीजा पर भारत में रहना शुरू किया। लेकिन इसके बाद उसने जो किया, वो न सिर्फ कानून के खिलाफ, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी खतरा है।
बिना भारतीय नागरिकता के, सरकारी पहचान पत्रों का फर्जीवाड़ा कर, वह वर्षों से बरेली में रह रही थी। इस पूरे फर्जीवाड़े में स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत या लापरवाही भी सवालों के घेरे में है।
ऑपरेशन ‘खोज’ के दौरान उजागर हुआ फर्जीवाड़ा
चौकी प्रभारी सौरव तोमर को महिला की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना भ्रमण के दौरान मिली। जब दस्तावेजों की जांच की गई तो सामने आया कि फरहत के पास भारत सरकार द्वारा जारी आधार कार्ड और राशन कार्ड मौजूद हैं, जिसमें वह परिवार की मुखिया बताई गई है।
इस चौंकाने वाली जानकारी को देखते हुए इंस्पेक्टर धनंजय पांडे की निगरानी में गहन जांच शुरू की गई और मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
कानून की धज्जियां उड़ाने वाली ये धाराएं लगीं
थाना बारादरी पुलिस ने फरहत सुल्ताना के खिलाफ फर्जीवाड़ा, दस्तावेजों की जालसाजी, धोखाधड़ी, सरकारी योजना के लाभ का अनुचित प्रयोग और आपराधिक षड्यंत्र जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। अब महिला के दस्तावेजों की बारीकी से जांच और भारत में उसकी मौजूदगी की वैधता पर कार्रवाई जारी है।
देश की सुरक्षा से खिलवाड़! प्रशासन को नहीं खबर?
इस मामले ने यह साफ कर दिया है कि विदेशी नागरिक किस तरह से स्थानीय तंत्र की आंखों में धूल झोंककर फर्जी दस्तावेज बनवा रहे हैं। इससे न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है, बल्कि सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग भी हो रहा है।
सवाल उठता है कि ऐसे मामलों में जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही कब तय होगी?
और खुल सकते हैं फर्जी नागरिकता के नए मामले
पुलिस सूत्रों की मानें तो ‘ऑपरेशन खोज’ अभी और भी बड़े फर्जीवाड़ों की परतें उधेड़ सकता है। कई विदेशी नागरिकों की वीजा अवधि समाप्त होने के बावजूद भारत में मौजूदगी, और फर्जी दस्तावेजों के सहारे रिहायश की आशंका जताई जा रही है।






