आवारा सांडों का आतंक: बरेली की फल मंडी में हर कदम पर खतरा, राहगीर दहशत

बरेली। शहर की सबसे व्यस्त फल मंडी इन दिनों आवारा गोवंशीय पशुओं के आतंक से जूझ रही है। सुबह से लेकर रात तक सड़कों पर बैठे या दौड़ते सांड और गायें न केवल भारी जाम का कारण बन रही हैं, बल्कि राहगीरों और ग्राहकों की जान के लिए भी खतरा बन चुकी हैं।
सड़कों पर ‘खुलेआम खतरा’, मंडी में रोज होता है संघर्ष
फल मंडी के सामने सड़कों पर बैठे सांडों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कभी-कभी ये आपस में भिड़ जाते हैं, जिससे वहां से गुजर रहे लोग घायल हो जाते हैं। खासतौर से वे लोग जो बाइक या स्कूटी से गुजरते हैं, उन्हें अक्सर तेज मोड़ पर या मंडी के कोनों पर अचानक सामने आकर सांड गिरा देते हैं या गाड़ियों से भिड़ जाते हैं।
व्यापारियों और राहगीरों का कहना है कि कई बार हादसे होते-होते बचे हैं, लेकिन नगर निगम की नींद अब तक नहीं टूटी है। हादसा न हो जाए, यही दहशत हर गुजरते व्यक्ति के चेहरे पर साफ झलकती है।
स्कूली बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा परेशान
फल मंडी के आसपास के मोहल्लों से गुजरने वाल स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये रोज़ का संघर्ष बन गया है। बच्चों के हाथ से स्कूल बैग छीनकर भागते या डर के कारण गिरते बच्चों की घटनाएं आम हो गई हैं। कई बार बुजुर्गों को भी धक्का लग चुका है, जिससे वे चोटिल हो चुके हैं।
ग्राहकों को जान जोखिम में डालकर करनी पड़ती है खरीदारी
मंडी में खरीदारी करने आने वाले ग्राहक भी हर वक्त सतर्कता बरतते नजर आते हैं। किसी का ध्यान फल-सब्जी पर होता है तो सांड अचानक पीछे से धक्का दे देता है। कई ग्राहक खरीदारी बीच में छोड़कर जान बचाकर भागते भी देखे गए हैं।
स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि नगर निगम और मंडी समिति से कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ।
नगर निगम के अधिकारी सिर्फ आश्वासन देते हैं कि सांडों को पकड़कर गौशालाओं में भेजा जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि हर दिन संख्या और खतरा दोनों बढ़ते जा रहे हैं।