कहानी नहीं हकीकत 52 बदमाशों को किया ढेर …डीआईजी अजय कुमार साहनी को फिर मिला राष्ट्रपति पदक

बरेली। बरेली रेंज के डीआईजी अजय कुमार साहनी को इस साल भी उनकी वीरता और बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पदक से नवाजा जा रहा है । कहानी नहीं हकीकत ऐसे ही चर्चे आम नहीं हो जाते महफिल में मेरठ में एसएसपी रहते लूट के बदमाश का पीछा किया, बदमाश ने कार्बाइन से गोली चलाई, जो डीआईजी की जैकेट में जा घुसी थी। उसके बाद उसे मार गिराया था। डीआईजी का यह तीसरा राष्ट्रपति पदक है अजय कुमार साहनी उत्तर प्रदेश कैडर के 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। पुलिस विभाग में उन्हें ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के नाम से भी जाना जाता है। उनकी कई जिलों में एसएसपी और एसपी के रुप में तैनाती रही है। माना जाता है कि सबसे संवेदनशील जिलों में उनकी अधिकतर तैनाती रही है। उन्हें यह पुरस्कार पांच साल पहले 25 जनवरी 2020 को मेरठ में एक लाख के इनामी कुख्यात बदमाश को ढेर करने के लिए मिला है। इस मुठभेड़ में उन्होंनें बहादुरी दिखाते हुए उसे ढेर किया था। अजय कुमार ने अभी तक के कार्यकाल में 52 कुख्यात बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया है।
खुले मैदान में करो या मरो जैसी थी स्थिति
25 जनवरी 2020 में अजय कुमार साहनी मेरठ के तत्कालीन एसएसपी थे। उन्हें सूचना मिली कि दो बदमाश ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में बाइक से लूटपाट कर भाग रहे हैं। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो बदमाशों ने पुलिस पर गोली चला दी और मेरठ-दिल्ली बाईपास की ओर भाग गए। तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार साहनी और क्राइम ब्रांच की टीम ने उनका पीछा किया। बदमाश घिरते ही गोलीबारी शुरू कर दी। बदमाश कारर्बाइन और पिस्टल से गोली चला रहे थे। जिनमें इंस्पेक्टर दिनेश कुमार और हेड कांस्टेबल मनोज कुमार घायल हुए। जबकि, अजय कुमार के बुलेट फ्रुफ जैकेट में एक गोली जा घुसी। इसके बाद भी उन्होंने जवाबी फायरिंग की। इस एनकाउंटर में चांद उर्फ काले नाम का एक लाख का कुख्यात गैंगस्टर चांद उर्फ काले मारा गया। उसके खिलाफ 50 आपराधिक मुकदमें थे। रास्ट्रपति पदक में लिखा गया है कि मेरठ ऑपरेश खुले मैदाम में करो या मरो जैसी स्थिति थी। दिल्ली के कुख्यात नायडू गैंग का सरगना किया ढेर
इससे पहले फरवरी 2020 में अजय कुमार साहनी ने मेरठ में एक और एनकाउंटर किया था। इस एनकाउंटर में दिल्ली के कुख्यात नायडू गैंग के सरगना शिव शक्ति नायडू को मुठबेड़ में ढेर कर दिया। नायडू आठ करोड़ रुपये की डकैती का आरोपी था और उस पर भी एक लाख रुपये का इनाम था। दिल्ली में ही उसके खिलाफ एक दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमें दर्ज थे। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में भी उसके खिलाफ कई मुकदमें दर्ज थे। इस एनकाउंटर के लिए अजय कुमार साहनी को 2021 में ही वीरता पदक से सम्मानित किया गया था। 2020 में ही साहनी को सुजीत सिंह उर्फ बुढ़वा को मार गिराने के लिए भी सम्मानित किया गया था। सुजीत सिंह डी-9 गैंग का लीडर था। उस पर 50 हजार रुपये का इनाम था।
डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बताया कि मेरठ में एसएसपी रहते एक लाख रुपये के इनामी बदमाश चांद उर्फ काले के साथ मुठभेड़ हुई थी। जिसमें एक इंस्पेक्टर और एक सिपाही घायल हुअ थे। जबकि, कार्बाइन से चलाई गई गोली मेरी जैकेट में लगी थी। हालाकि, काले को मुठभेड़ में मार गिराया था। अभी तक 52 से अधिक कुख्यात बदमाशों को ढेर किया है।