बाढ़ से खीरी, बदायूं समेत कई जिलों में हालात बिगड़े, वाराणसी-प्रयाग में गंगा में फिर उफान

यूपी में पूरब से लेकर पश्चिम तक बारिश और बाढ़ ने कहर ढाया हुआ है। खीरी-पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर में बाढ़ का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। वहीं, वाराणसी और प्रयागराज में एक बार फिर गंगा में उफान आने लगा है। गंगा इस सीजन में चौथी बार बढ़ने लगी हैं। शुक्रवार को दोनों जिलों में एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव शुरू हो गया है। खीरी के धौरहरा में कच्चा बंधा फटने से 60 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी दाखिल हो गया है।
बाढ़ से विस्थापित हुए लोग नेशनल हाईवे के किनारे आकर बस गए हैं। नेशनल हाईवे 730 से जुड़ी सड़कें जलमग्न हैं। आवागमन बंद हो गया है। नाव के जरिए प्रशासन भोजन और राहत सामग्री पहुंचा रहा है। वहीं बरेली के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं।
शाहजहांपुर में गंगा, रामगंगा, गर्रा और खन्नौत नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गांव के साथ-साथ शहर में बाढ़ का पानी दाखिल हो गया है। सीएचसी-पीएचसी के कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं हैं। न्यू सिटी परियोजना में दो फीट तक पानी भर गया है। परियोजना में निर्माण कार्य बंद हो गया है। मेडिकल कालेज तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। पीलीभीत में बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं। बीसलपुर क्षेत्र के करीब 15 गांवों के संपर्क मार्ग जलमग्न हैं। आवागमन बंद कर दिया गया है।
बीसलपुर-पीलीभीत रोड और बीसलपुर-बरेली रोड पर बाढ़ का पानी बह रहा है। बरेली-पीलीभीत रोड पर छोटे वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। बदायूं के सहसवान क्षेत्र के नगला जामुनी गांव गंगा नदी कच्चे बांध को काट रही है। कुछ हिस्सा नदी में समा गया है। बांध कटने से सहसवान समेत कई गांवों के डूबने का खतरा बढ़ गया है।
इधर वाराणसी और प्रयागराज में तीन बार गंगा इस सीजन में लोगों को पलायन के लिए मजबूर करने के बाद चौथी बार बढ़ने लगी हैं। फिलहाल बढ़ने की रफ्तार बहुत कम है लेकिन लगातार बारिश के कारण संभव है कि बढ़ने की रफ्तार और तेज हो जाए।