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एमबीए छात्र फरहत इशाक ने हॉस्टल में लगाई फांसी, पिता बोले– बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता 

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बरेली। बरेली के रहने वाले 23 वर्षीय फरहत इशाक मोहम्मद, जो हाल ही में IIM उदयपुर में एमबीए में दाखिला लेकर पढ़ाई शुरू करने गए थे, ने रविवार रात हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

हालांकि, परिजनों ने मौत को आत्महत्या मानने से इनकार करते हुए हत्या का आरोप लगाया है और मामले की गहन जांच की मांग की है। घटना के बाद से फरहत के गांव और परिवार में मातम पसरा है।

16 जून को लिया था रांची IIM में एडमिशन, 25 जून को मिला उदयपुर

फरहत इशाक ने 16 जून को IIM रांची में प्रवेश लिया था, लेकिन वह IIM उदयपुर की वेटिंग लिस्ट में भी शामिल थे। जैसे ही उनका नाम आया, उन्होंने 25 जून को उदयपुर में दाखिला ले लिया। वह बलीचा स्थित IIM कैंपस में हॉस्टल में रह रहे थे। परिजनों के अनुसार फरहत का व्यवहार सामान्य और खुशमिजाज था। वह पढ़ाई को लेकर बेहद उत्साहित और गंभीर था।

अचानक बंद हुआ संपर्क, फिर रात 10 बजे आई फोन कॉल

फरहत के पिता मोहम्मद इशाक के अनुसार, उन्होंने शनिवार और रविवार को बेटे के खाते में दो लाख रुपये फीस के लिए ट्रांसफर किए थे। शनिवार को बहन से उसकी बातचीत भी हुई। रविवार सुबह बात हुई, लेकिन उसके बाद वह फोन नहीं उठा रहा था। रात करीब 10 बजे समीर नाम के एक छात्र का फोन आया, जिसने बताया कि फरहत ने फांसी लगाकर जान दे दी है।

“हमें एक घंटे तक रोका गया, मौत पर शक” – परिवार

जब फरहत के स्वजन उदयपुर पहुंचे, तो उन्हें शव दिखाने से पहले लगभग एक घंटे तक रोका गया। परिजनों का कहना है कि जब उन्होंने शव देखा तो फंदे के निशान और गर्दन की हालत देखकर उन्हें संदेह हुआ कि यह आत्महत्या नहीं है। मोहम्मद इशाक (पिता) ने कहा: “मेरे बेटे ने आत्महत्या नहीं की। वह मानसिक रूप से मजबूत, आत्मविश्वासी और खुशमिजाज लड़का था। उसकी मौत एक गहरी साजिश है। कॉल डिटेल्स की जांच होनी चाहिए।”

IIM प्रशासन की चुप्पी पर भी उठे सवाल

घटना के 24 घंटे बाद तक IIM उदयपुर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया, जिससे परिजनों की शंका और भी गहरा गई है। परिवार ने मांग की है कि पुलिस कॉल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल डाटा की जांच करे ताकि सच्चाई सामने आ सके।

गांव में मातम, साथियों में शोक

फरहत की मौत की खबर जैसे ही बरेली के गांव पहुंची, गांव में शोक की लहर दौड़ गई। पड़ोसियों और रिश्तेदारों के अनुसार, फरहत पढ़ाई में तेज, व्यवहार में विनम्र और परिवार का सपना था। उनकी असमय मौत से पूरा गांव स्तब्ध है।

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