लापरवाह तहसील प्रशासन… तालाबों का हो रहा अस्तित्व खत्म

बरेली। तहसील सदर के गांव मनेहरा में कई शिकायतों के बाद भी आज तक आसपास क्षेत्र के तालाबों को कई साल बाद भी अतिक्रमणमुक्त नहीं कराया जा सका है। कार्रवाई के नाम खानापूर्ति से इन तालाबों के अस्तित्व पर अब संकट मंडराने लगा है।
लोगों के अनुसार गांव में करीब तीन तालाब हैं, जिनमें एक तालाब गाटा संख्या 237 पर कब्जा हो गया है। लगभग 9 बीघा के तालाब में से केवल एक बीघा तालाब शेष बचा है
तहसील प्रशासन इन तालाबों की संरक्षक है। तालाब को संरक्षित रखने के लिए ग्राम पंचायत, तहसील प्रशासन कोई प्रयास नहीं कर रही है। गांव में कई तालाब है, जो कि राजस्व अभिलेखों में तो तालाब के नाम पर दर्ज है। उनमें से कुछ तालाब धरातल पर है ही नहीं। उन पर कब्जे हो गए हैं। वहीं पर एक 9 बीघा का तालाब राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। उस तालाब की आकृति राजस्व नक्शे में कुल 9 बीघा ही है। इसी बात का फायदा उठाते हुए भू-माफिया तालाब पर कब्जा कर लगातार भूखंड बेच रहे हैं।
सरकारी तालाब की जमीन पर लोगों ने पक्के निर्माण करा लिए हैं। बैंक ग्राम प्रधान द्वारा तालाब पर अवैध रूप से कब्जा करने की बात कही गई है और अधिकतर लोगों ने उसे पर निर्माण कार्य कर रखा है ग्राम प्रधान मंजूर अहमद ने तालाब को से कब्जा मुक्त करने तहसील के अधिकारी के से पूर्व में भी शिकायत की है






