बरेली में दलित युवक की बेरहमी से पिटाई, जातिसूचक गालियां देकर दी जान से मारने की धमकी

बरेली। बरेली के थाना फतेहगंज पूर्वी क्षेत्र के एक गांव में अनुसूचित जाति से जुड़े एक युवक के साथ जातिगत उत्पीड़न और शारीरिक हमले की घटना सामने आई है। पीड़ित युवक ने आरोप लगाया है कि मामूली विवाद के बाद उसे जातिसूचक शब्दों से अपमानित कर डंडों से पीटा गया, और जान से मारने की खुली धमकी दी गई। यही नहीं, अब आरोपी पक्ष कथित रूप से पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से उल्टा पीड़ित पर ही मुकदमा दर्ज कराने का दबाव बना रहा है।
क्या है मामला?
पीड़ित युवक अनुपम ने बताया कि 4 जुलाई को दोपहर में वह अपने घर पर खाना खा रहा था, तभी गांव का रहने वाला पुष्पेन्द्र ठाकुर पुत्र लल्लू सिंह वहां पहुंचा और उसे अगले दिन अपने खेत पर काम करने को कहा। अनुपम ने मना करते हुए बताया कि वह पहले से कहीं और काम पर लगा है।
बस इसी बात से नाराज़ होकर पुष्पेन्द्र ने पहले गाली-गलौज शुरू की और “चमटटे” जैसे जातिसूचक शब्द कहे। विरोध करने पर आरोपी ने डंडे से उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। जब शोर सुनकर पीड़ित की मां दीपाली बीच-बचाव करने पहुंचीं, तो उन्हें भी पीटा गया और जातिगत अपशब्द कहे गए।
112 पर कॉल के बाद भी नहीं दर्ज हुई रिपोर्ट
घटना के तुरंत बाद 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुलाया गया। थाना फतेहगंज पूर्वी की पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित को अगले दिन थाने आकर रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा। लेकिन जब 5 जुलाई को पीड़ित थाने पहुंचा, तो पुलिस ने यह कहकर टाल दिया — “बाद में देखेंगे।”
पुलिस पर गंभीर आरोप: दबाव और धमकी
अनुपम ने आरोप लगाया है कि रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश के बाद अब वह थाना फतेहगंज पूर्वी के एसआई भूपेन्द्र यादव और थानाध्यक्ष के चालक संदीप तोमर की प्रताड़ना झेल रहा है। ये दोनों उस पर समझौते का दबाव बना रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर मामला नहीं सुलझाया, तो उल्टा तुम्हारे ही खिलाफ केस दर्ज कर दिया जाएगा।
SSP को सौंपा गया शिकायती पत्र, न्याय की मांग
पीड़ित ने इस पूरे प्रकरण की शिकायत आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) से की है और थाना स्तर पर रिपोर्ट दर्ज न होने, पुलिसिया दबाव, और आरोपी की पहुंच की वजह से न्याय में देरी पर चिंता जताई है।