कब्रिस्तान में दफ्न हुआ ‘शैतान’, भारी फोर्स के बीच पत्नी और गांव का प्रधान भी पहुंचे
पुलिस मुठभेड़ में मारा गया एक लाख का इनामी डकैत इफ्तेकार उर्फ शैतान, सात जिलों में दर्ज थे 19 मुकदमे 72 घंटे बाद सुपुर्द-ए-खाक

बरेली। पुलिस मुठभेड़ में ढेर किए गए एक लाख रुपये के इनामी कुख्यात डकैत इफ्तेकार उर्फ शैतान को शनिवार सुबह बरेली कैंट स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। दफन प्रक्रिया के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा।
बताया गया कि दफन के समय शैतान की पत्नी और गांव के प्रधान भी कब्रिस्तान पहुंचे और अंतिम रस्में पूरी कीं। अचानक उनके पहुंचने से पुलिस भी हैरान रह गई। दोनों से अब पुलिस पूछताछ कर रही है कि वे मुठभेड़ के बाद कहां छिपे थे और इतने दिनों तक सामने क्यों नहीं आए।
72 घंटे बाद हुआ अंतिम संस्कार
मुठभेड़ के बाद पुलिस को शैतान के परिजनों का कोई सुराग नहीं मिला था। उसकी पहचान होने के बाद पुलिस ने कानपुर नगर, लखनऊ, नोएडा, आगरा, वाराणसी, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर के अधिकारियों को सूचना भेजी थी ताकि शव परिजनों को सौंपा जा सके।
परंतु 72 घंटे तक कोई परिजन सामने नहीं आया, जिसके बाद प्रशासन ने ‘अवाम-ए-खिदमात कमेटी’ को दफन की जिम्मेदारी सौंपी। रविवार तड़के करीब पांच बजे शैतान को कब्रिस्तान में दफ्न किया गया।
बरेली की डकैती से खुला था राज
इफ्तेकार उर्फ शैतान का नाम नवंबर 2024 में बिथरी चैनपुर क्षेत्र के उदयपुर जसरथपुर गांव में किसान केशर खां के घर डकैती के दौरान सामने आया था।
इस वारदात में दो बदमाश — अफताब उर्फ सैफ (निवासी मुरादाबाद) और देवेंद्र (निवासी शाहजहांपुर) — को 4 अक्टूबर को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। पूछताछ में शैतान का नाम उजागर हुआ और उसी के बाद पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया।
सात जिलों में फैला था आतंक 19 मुकदमे दर्ज
शैतान पर सात जिलों में हत्या, लूट और डकैती जैसे 19 संगीन मुकदमे दर्ज थे। पुलिस जांच में उसके सात पते सामने आए वाराणसी, कानपुर नगर, लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा और गौतमबुद्धनगर।
गुरुवार सुबह नैनीताल हाईवे स्थित बिलवा पुल के पास पुलिस ने घेराबंदी कर उसे मुठभेड़ में ढेर कर दिया था।
शादियों में बैंड पार्टी बनकर करता था रेकी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शैतान ‘छैमार गिरोह’ से जुड़ा हुआ था, जो दूरदराज के जिलों में वारदातों को अंजाम देता था। गिरोह के सदस्य शादियों में बैंड पार्टी बनकर पहुंचते थे और वहां रेकी कर डकैती की योजना बनाते थे।
यह गिरोह उन घरों को निशाना बनाता था जहां परिवार छोटा हो या बुजुर्ग रहते हों। अपराध के बाद शैतान अपना नाम और ठिकाना बदल लेता था ताकि पुलिस को गुमराह कर सके।
अब पुलिस खंगाल रही नेटवर्क और संपत्ति
मुठभेड़ में शैतान के मारे जाने के बाद पुलिस अब उसके नेटवर्क, सहयोगियों और संपत्ति की जांच में जुटी है। सभी सात जिलों के एसएसपी और एसपी को रिपोर्ट भेजी गई है ताकि उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की जल्द गिरफ्तारी की जा सके।