बरेली कॉलेज में शुरू हुआ मशरूम ट्रेनिंग कैंप, युवा सीखेंगे हाई-प्रोटीन खेती का नया मॉडल

बरेली। बरेली कॉलेज में सोमवार को वनस्पति शास्त्र विभाग, करियर काउंसलिंग एवं प्लेसमेंट सेल तथा राष्ट्रीय सेवा योजना छात्र इकाई-प्रथम के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। यह कार्यक्रम महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के पादप विज्ञान विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं, NSS स्वयंसेवकों और युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
मशरूम 21 से 24% तक प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत, भविष्य का बड़ा बाजार
प्रशिक्षण के मुख्य वक्ता, रुहेलखंड विश्वविद्यालय के पादप विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विजय सिन्हाल ने बताया कि महानगरों, बड़े होटलों और विदेशों में मशरूम की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, जबकि भारत में अभी इसका उपयोग कम है।
उन्होंने कहा“दालों में प्रोटीन सब जानते हैं, लेकिन मशरूम में 21–24% तक प्रोटीन मिलता है। आने वाले वर्षों में इसका बाजार रिकॉर्ड गति से बढ़ेगा। युवाओं के लिए यह बेहतरीन रोजगार अवसर है।”
उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब, हरियाणा और उड़ीसा में मशरूम उत्पादन अधिक है, जबकि अन्य राज्यों में इसकी विशाल संभावनाएँ हैं। स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ने के साथ मेट्रो सिटीज में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है।
कम लागत, कम जगह और बेहतर मुनाफा युवाओं का पसंदीदा विकल्प
प्रगतिशील किसान राजकुमार ने बताया कि बाजार में मशरूम से बनने वाले फिंगर चिप्स, बड़ी, अचार, कचौड़ियां आदि की बंपर मांग है, और ये 200 रुपये प्रति किलो से अधिक में आसानी से बिक जाते हैं। उन्होंने कहा“थोड़ी-सी ट्रेनिंग और कम पूंजी में युवा मशरूम उत्पादन से शानदार कमाई कर सकते हैं।”
बीएससी छात्रों के लिए भी फायदेमंद, परीक्षा में देता है बढ़त
कार्यक्रम संयोजक एवं वनस्पति विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. राजीव यादव ने बताया कि मशरूम उत्पादन न केवल रोजगारपरक है, बल्कि बीएससी पाठ्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। उन्होंने कहा “यह प्रशिक्षण छात्रों को रोजगार से जोड़ने के साथ-साथ परीक्षा में अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगा।”
प्रमुख शिक्षकों और अधिकारियों की रही उपस्थिति
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित रहे, प्रो. आलोक खरे, प्रो. आशा सिंह, डॉ. नीरज मलिक, डॉ. नरेंद्र पाल सिंह, डॉ. शालिनी सक्सेना, डॉ. संजय कुमार, डॉ. विनय कुमार, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. बृजेश शर्मा, नजीर सिद्दीकी, आदेश चौहान, वीर कुमार, रंजीत सिंह, धर्मेंद्र गंगवार, आजम खान, तेजपाल, राजीव कुमार, आदि शिक्षण एवं प्रशासनिक अधिकारी।






