बरेली:-एएसपी बोले कंट्रोल रूम का नंबर मिलाकर जांच कराएं
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उत्तर प्रदेश जनपद मुख्यालय बरेली। गंदगी के और कबाड़खानों से घिरे हजियापुर में सामुदायिक संक्रमण की आशंका से अफसरों का दम फूला हुआ है। इस आशंका की वजह से ही पुलिस और प्रशासन का पूरा अमला हजियापुर में जुट गया है। पुलिस सर्विलांस के जरिये पता लगा रही है कि उसके संपर्क में कौन-कौन और कितने लोग आए। ऐसे लोगों से खुद भी सामने आकर जांच कराने की अपील की गई है।
पुलिस ने संक्रमित युवक, उसके परिवार और पड़ोसियों से पूछताछ में पाया कि उसने 24 अप्रैल तक घर के पास क्लिनिक में बैठकर इलाज किया था। इस दौरान वह स्टेडियम रोड के उस अस्पताल में भी गया जहां गंभीर मरीज रेफर करके कमीशन लेता था। पुलिस उसके मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाकर यह जानने की कोशिश कर रही कि पिछले दिनों वह कहां कहां गया था और कितने लोगों के संपर्क में आयाा
चार हजार मकान, दो सौ गलियां और 17 हजार की आबादी
हजियापुर शहर के सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में से एक है। फिलहाल हजियापुर का एक निश्चित क्षेत्र सील किया गया है लेकिन अगर दायरा बढ़ा तो हजियापुर के वार्ड 15 और वार्ड 39 इसकी जद में आ जाएंगे। इन वार्डों में मुख्य रूप से नीलकंठ कॉलोनी, कौशांबी कॉलोनी, आंबेडकर नगर, कामरेड नगर व वाल्मीकि बस्ती, टलइया आदि इलाके शामिल हैं। इनमें करीब चार हजार मकान हैं, जिनमें करीब 17 हजार लोग रहते हैं। इन लोगों को घरों में कैद होना पड़ सकता है। इस क्षेत्र में करीब दो सौ गलियां हैं। इनमें कानून व्यवस्था बनाए रखना, लोगों को घरों से बाहर न निकलने देना और राशन और खाने की व्यवस्था करना अधिकारियों के लिए एक चुनौती होगी।
होम डिलीवरी के लिए जारी होंगे पास
निगम के अधिकारी यहां के लोगों को घर में सामान की आपूर्ति के लिए राशन की दुकानों का पास जारी करेंगे। हालांकि निगम के अधिकारियों ने क्षेत्र के लिए पहले से ही किराना और सब्जी की दुकानों की लिस्ट जारी कर रखी है। पर अब क्षेत्र के सील होने के बाद इन चिह्नित दुकानों के लिए पास जारी करने का काम शुरू होगा।
मलिन बस्ती में भोजन पहुंचाना भी चुनौती
हजियापुर का अधिकतर इलाका मलिन बस्ती से घिरा हुआ है। यहां करीब सात से आठ हजार लोग रहते हैं, जिनमें सैकड़ों की संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके लिए दो वक्त के भोजन का इंतजाम करना भी भारी है। ऐसे में इन लोगों के लिए राशन और खाने के पैकेट का इंतजाम करना न केवल नगर निगम, बल्कि प्रशासन के लिए भी एक चुनौती होगी।
गंदगी के ढेरों के बीच बच्चों को खेलता देख चौंके अफसर
सोमवार दोपहर जब एएसपी के साथ पुलिस की टीमें हजियापुर में पहुंची तो वहां का हाल देख चौंक उठी। कबाड़े के ढेर और गंदे पानी के बीच बच्चे बेपरवाह होकर खेलने में मशगूल थे। नालियों में कीचड़ जमा था और कई जगह कचरे के ढेर लगे थे। लोग कयास लगाते रहे कि इतनी घनी और गंदी बस्ती में संक्रमण फैलने से बड़ा खतरा हो सकता है।
एएसपी बोले- कंट्रोल रूम का नंबर मिलाकर जांच कराएं
एएसपी अभिषेक वर्मा ने हजियापुर में लाउडस्पीकर से मुनादी की कि कोरोना संक्रमित से दवा लेने वाले मरीज या संपर्क में आए लोग खुद तत्काल कंट्रोल रूम के नंबर पर कॉल करके अपनी जांच करा लें। अगर ऐसे लोग सामने नहीं आए और पुलिस की जांच में संपर्क की स्थिति पाई गई तो इन सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
शहर में की खूब सख्ती, बस्तियों में पुलिस ने झांका तक नही
हजियापुर में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद यह बात लगभग साफ हो गई है कि पुलिस और प्रशासन का पूरा फोकस शहर के बाजारों और पॉश कॉलोनियों में ही लॉकडाउन का पालन कराने पर रहा। हजियापुर जैसी घनी बस्तियों को ऊपरवाले के भरोसे छोड़ दिया गया। बिना डिग्री के दुकान खोलकर झोलाछाप लोगों का उपचार करता रहा और पुलिस से लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीमों को भनक नहीं लगी। ऐसा न होता तो शायद संक्रमित युवक का कथित क्लिनिक बंद हो चुका होता और कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा खत्म हो जाता
ब्यूरो रिपोर्ट बरेली
उत्तर प्रदेश






