विकास कार्यों में ढिलाई पर भड़के प्रभारी मंत्री
विकास भवन के सभागार में विकास कार्यों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में जनप्रतिनिधियों ने एक बार फिर प्रभारी मंत्री के सामने अफसरों के खिलाफ जमकर गुबार निकाला

जनप्रतिनिधियों ने प्रभारी मंत्री के सामने इसके साथ स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं पर भी एक बार फिर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी की परियोजनाएं तय करने में न पारदर्शिता रखी जा रही है और न ही जनप्रतिनिधियों से कोई सलाह-मशवरा लिया जा रहा है। मेयर उमेश गौतम ने कहा कि शहर का मेयर होने के बावजूद उन्हें तक स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती। वह जब भी अफसरों से कुछ पूछते हैं तो वे कमिश्नर की इजाजत के बगैर कुछ भी बताने से साफ इनकार कर देते हैं। मेयर ने कहा कि स्मार्ट सिटी में चुपचाप योजनाएं बनती हैं और टेंडर कर दिए जाते हैं।
मेयर के आरोपों पर प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बैठक में मौजूद अफसरों से पूछताछ की तो उन्होंने स्मार्ट सिटी का पूरा ब्योरा वेबसाइट पर उपलब्ध होने की बात कही। प्रभारी मंत्री ने इस पर वेबसाइट दिखाने को कहा तो स्मार्ट सिटी के जीएम संजय सिंह चौहान ने लैपटॉप मंगाकर वेबसाइट खोलने की कोशिश की लेकिन वेबसाइट खुल ही नहीं पाई। इस पर प्रभारी मंत्री भन्ना गए। उन्होंने अपने निजी सचिव को कमिश्नर रणवीर प्रसाद को फोन लगाने को कहा। दो बार कोशिश के बावजूद फोन नहीं लग पाया तो उन्होंने डीएम नितीश कुमार को कमिश्नर को बुलवाने को कहा।
कुछ देर बाद कमिश्नर रणवीर प्रसाद विकास भवन पहुंचे तो प्रभारी मंत्री ने उनके साथ अलग कमरे में बैठकर बात की। सूत्रों के मुताबिक प्रभारी मंत्री ने इस दौरान स्मार्ट सिटी के संबंध में जनप्रतिनिधियों की शिकायतों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार जनहित में विकास कार्य करा रही है लेकिन अगर विकास कार्यों में सरकारी विभागों की मनमानी की वजह से जनता में उल्टे सरकार के ही खिलाफ माहौल बन जाए तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कमिश्नर को पूरे हालात पर खुद निगरानी करने और फौरन सुधार कराने को कहा। प्रभारी मंत्री ने कहा कि अगले हफ्ते वह वर्चुअल बैठक करेंगे जिसमें केंद्रीय मंत्री, मेयर, सभी विधायक और स्मार्ट सिटी सलाहकार समिति के सदस्य शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि हफ्ते भर के अंदर स्थिति में सुधार होना चाहिए।
तमाम सवालों पर जीएम नहीं दे सके जवाब तो प्रभारी मंत्री ने कमिश्नर को बुलाया बरेली। कहीं ऐसा न हो कि साल भर बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव में पार्टी की किरकिरी अफसरों की वजह से हो और इसका ठीकरा संगठन और जनप्रतिनिधियों के सिर पर फूटे। शुक्रवार को एक तरफ से भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने यह चिंता जताई तो प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा उसे बेहद गंभीरता से लिया। उन्होंने पहले जिले के अफसरों से इस पर जवाब मांगा और जब उनसे संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो कमिश्नर को भी बुला लिया। प्रभारी मंत्री कमिश्नर के साथ अलग कमरे में इस मुद्दे पर बात की।
विकास भवन के सभागार में विकास कार्यों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में जनप्रतिनिधियों ने एक बार फिर प्रभारी मंत्री के सामने अफसरों के खिलाफ जमकर गुबार निकाला। सीवर लाइन बिछाने के लिए शहर की सारी प्रमुख सड़कों को अनियोजित ढंग से खोदकर डाल देने के मुद्दे पर सबसे ज्यादा नाराजगी जताई गई। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि जल निगम के ठेकेदार पूरी मनमानी से काम कर रहे हैं। जिन सड़कों पर साल भर पहले खोदाई हो चुकी है, उन्हें आज तक चलने लायक नहीं बनाया गया है। पूरे शहर की जनता जाम की वजह से त्राहि-त्राहि कर रही है। जरा-जरा सी दूरी तय करने में घंटा-घंटा भर लग रहा है। पूरा शहर धूल में घिरा हुआ है। जनप्रतिनिधियों की एक नहीं सुनी जा रही है। लंबे समय से ये दिक्कतें बने रहने के कारण लोगों के मन में अफसरों ही नहीं बल्कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी गुस्सा बढ़ रहा है
ब्यूरो रिपोर्ट एजेंसी