प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी से भाजपा कार्यकर्ता आक्रोशित, पुलिस से की कड़ी कार्रवाई की मांग

बरेली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर फेसबुक पर की गई आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी से भाजपा कार्यकर्ताओं में जबरदस्त आक्रोश फैल गया। आरोप है कि ग्राम रेतवाड़ा निवासी कुछ युवकों ने सोशल मीडिया पर न केवल जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, बल्कि करणी सेना और देश के महापुरुषों पर भी आपत्तिजनक बातें लिखीं।
मामले को गंभीरता से लेते हुए बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता कोतवाली पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस को तहरीर सौंपी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ग्राम मितापुर जागीर निवासी अनुज ठाकुर ने बताया कि 13 अप्रैल को जब उन्होंने अपनी फेसबुक आईडी लॉगइन की, तो उन्होंने देखा कि ग्राम रेतवाड़ा निवासी कुछ युवकों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, करणी सेना और महापुरुषों के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। इन पोस्टों से आहत होकर अनुज ठाकुर ने संबंधित युवक से मुलाकात कर उसे समझाने का प्रयास किया, लेकिन युवक ने अभद्र भाषा में जवाब दिया और कथित तौर पर धमकी देते हुए कहा, “जब समाजवादी पार्टी की सरकार आएगी तो सबको पलायन करने पर मजबूर कर देंगे। भाजपा सरकार में भी मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।”
इस घटनाक्रम से आहत अनुज ठाकुर और उनके साथियों—संजय अरोड़ा, सार्थक चौधरी, राजकमल सिंह, स्वदेश सिंह आदि—ने कोतवाली पहुंचकर आरोपी युवकों के खिलाफ लिखित तहरीर दी।
भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह सिर्फ राजनीतिक नेताओं की नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक मर्यादाओं की भी अवमानना है। इस तरह की टिप्पणियाँ समाज में वैमनस्य फैलाने और राजनीतिक माहौल को खराब करने का कार्य करती हैं।
पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस ने अनुज ठाकुर द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर आरोपियों के विरुद्ध संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच साइबर सेल और स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर की गई अभद्र टिप्पणियों के स्क्रीनशॉट संकलित किए जा चुके हैं, और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कोतवाल का बयान:
कोतवाली प्रभारी ने बताया कि शिकायत गंभीर प्रकृति की है। ऐसे मामलों में कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष जांच की जाएगी। अगर आरोप सही पाए गए, तो आरोपियों के खिलाफ सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगा।