वेस्ट यूपी से बाहर कदम बढ़ा रहा रालोद, जयंत चौधरी की नजर अब हरियाणा-पंजाब पर

नई दिल्ली।केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) अब केवल पश्चिम उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहना चाहती। पार्टी ने साफ संकेत दिए हैं कि वह अपना राजनीतिक दायरा बढ़ाने के लिए अब हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में भी मजबूती से कदम जमाने की तैयारी कर रही है।
रालोद ने हरियाणा में अपने संगठनात्मक ढांचे की शुरुआत करते हुए पूर्व विधायक जगजीत सिंह सांगवान को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। जल्द ही पंजाब प्रदेश अध्यक्ष के नाम का भी ऐलान किया जाएगा। पार्टी के संगठन महासचिव त्रिलोक त्यागी के मुताबिक, रालोद वर्ष 2027 में पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ेगी। साथ ही हरियाणा में भी पार्टी चुनावी मैदान में होगी, हालांकि गठबंधन को लेकर फैसला समय रहते लिया जाएगा।
त्यागी ने जानकारी दी कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, केरल और तेलंगाना जैसे राज्यों में भी अपनी इकाइयों का गठन कर लिया है।
रालोद को भरोसा है कि हरियाणा में जाट और पंजाब में जट्ट सिख वोटबैंक का लाभ उसे मिलेगा। पार्टी का मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की किसान हितैषी छवि इन इलाकों में आज भी गहरी पैठ रखती है। यही वजह है कि रालोद अब जींद, चरखी दादरी, भिवानी, रोहतक, हिसार, सिरसा, सोनीपत, झज्जर और पानीपत जैसे जिलों में संगठन विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
हालांकि विपक्षी दल इस विस्तार पर सवाल उठा रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संपत सिंह का कहना है कि जयंत चौधरी को अपनी पूरी ऊर्जा पश्चिम उत्तर प्रदेश में लगाने की जरूरत है, जहां उनकी राजनीतिक जमीन है। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा का आरोप है कि कुछ दल भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं और उन्हें पंजाब-हरियाणा की जनता में कोई विशेष समर्थन नहीं मिलने वाला।
अब देखना यह होगा कि रालोद का यह विस्तार अभियान उन्हें एक क्षेत्रीय पार्टी से राष्ट्रीय पहचान दिला पाता है या नहीं है।