सपा नेताओं का धरना-प्रदर्शन, सांसद रामजी लाल सुमन को धमकियों और काफिले पर हमले के विरोध में डीएम को सौंपा ज्ञापन

बरेली। समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन कर राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय महासचिव श्री रामजी लाल सुमन को जान से मारने की धमकियों और उनके काफिले पर हुए हमले के विरोध में ज़िला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन की शुरुआत दामोदर स्वरूप पार्क से हुई, जहां सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भारी संख्या में एकत्र होकर उत्तर प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ नारेबाज़ी की।
प्रदर्शन का नेतृत्व सपा ज़िलाध्यक्ष शिवचरण कश्यप ने किया और संचालन अशोक यादव ने संभाला। ज्ञापन में कहा गया है कि श्री रामजी लाल सुमन को लगातार करणी सेना द्वारा धमकियां दी जा रही हैं। 27 अप्रैल 2025 को अलीगढ़ में उनके काफिले पर हमला भी किया गया, जिसमें कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए और कई लोगों को चोटें आईं। इसके बावजूद अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।
सपा नेताओं ने आरोप लगाया कि इन घटनाओं से स्पष्ट है कि अराजक तत्वों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि प्रदेश में दलित समाज (PDA) के खिलाफ अत्याचारों की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जो भाजपा सरकार की संविधान विरोधी और दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
ज्ञापन में प्रमुख मांगे:
1. श्री रामजी लाल सुमन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
2. काफिले पर हमले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
3. दलित समाज के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाने के लिए विशेष निर्देश जारी हों।
4. उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।
प्रमुख मौजूदगियां:
इस मौके पर पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव, विधायक अता उर रहमान, पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार, पूर्व विधायक महिपाल सिंह यादव, प्रदेश सचिव मलखान सिंह यादव, महिला सभा जिलाध्यक्ष स्मिता यादव, और डॉ नेहा यादव सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे। भीड़ में शमीम खां सुल्तानी, साजिद खान, ब्रजेश श्रीवास्तव, शेर सिंह गंगवार, प्रमोद यादव, रोहित राजपूत, गौरव सक्सेना, और रामवीर दिवाकर जैसी दर्जनों प्रमुख चेहरे मौजूद रहे।
समाजवादी पार्टी ने ज्ञापन के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरने को तैयार है। पार्टी ने जिला प्रशासन से तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की है, जिससे ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।