योग दिवस पर एमजेपी रोहिलखंड विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, विश्वभर के प्रतिनिधियों ने की सहभागिता

बरेली ।महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शुक्रवार को एक भव्य अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. के.पी. सिंह द्वारा किया गया, जिन्होंने योग को भारत की ओर से विश्व को दिया गया “मानवता के कल्याण का अमूल्य उपहार” बताया।
इस आयोजन का संयोजन अंतर्राष्ट्रीय संबंध निदेशालय के निदेशक प्रो. एस.एस. बेदी ने किया। उन्होंने अपने स्वागत भाषण में “वन हेल्थ, वन नेशन, वन वेलनेस” थीम पर आधारित प्रस्तुति के माध्यम से योग के शारीरिक, मानसिक और वैश्विक लाभों को रेखांकित किया।
विश्व के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की भागीदारी
संगोष्ठी में नेपाल, नाइजीरिया, अमेरिका, भूटान और चेक गणराज्य के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों व विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक और शोधकर्ता शामिल हुए। इनमें प्रमुख थे:
- प्रो. गयलिच (कुलपति, फिलोमैथ यूनिवर्सिटी, नाइजीरिया)
- डॉ. ल्हातो जाम्बा (गेडू कॉलेज, भूटान)
- मिसिसिपी वैली स्टेट यूनिवर्सिटी (अमेरिका) की डायरेक्टर
- वीएसबी टेक्निकल यूनिवर्सिटी (चेक गणराज्य) के प्रतिनिधि
- फॉर वेस्टर्न यूनिवर्सिटी (नेपाल) के कुलपति व निदेशक
सभी अतिथियों ने योग को आधुनिक पीढ़ी की मानसिक चुनौतियों का समाधान बताते हुए इसे शिक्षा और जीवन का आवश्यक हिस्सा बताया।
प्रेरणादायक योग प्रदर्शन और वक्तव्य
एशियन गेम्स 2025 के स्वर्ण पदक विजेता प्रवीण पाठक ने मंच पर उत्कृष्ट योग प्रदर्शन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
नेपाल के डॉ. आर.वी. कांड ने कहा कि “योग ही तनाव और अवसाद से उबरने का कारगर माध्यम है।”
डॉ. मीन सिंह और डॉ. हेमराज पंत ने भी योग के मन-आत्मा और वैश्विक चेतना से जुड़ाव पर ज़ोर दिया।
विविध गतिविधियाँ और व्यापक सहभागिता
कार्यक्रम का संचालन डॉ. पूजा यादव ने किया। योग प्रशिक्षकों श्री सैतवान और सुश्री प्रियंका द्वारा छात्राओं ने सामूहिक योगाभ्यास प्रस्तुत किया।
इस आयोजन में प्रो. यतेन्द्र कुमार, प्रो. उपेंद्र, कुलसचिव श्री संजीव कुमार सिंह, डॉ. भोला खान, डॉ. अतुल कटियार सहित कई विभागों का सहयोग रहा।
धन्यवाद ज्ञापन प्रो. तुलिका द्वारा प्रस्तुत किया गया।
21 जून को विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों में होंगे योग अभ्यास कार्यक्रम
कुलसचिव श्री संजीव कुमार सिंह के मार्गदर्शन में योग संगम के अंतर्गत छात्रों के लिए निबंध लेखन, स्लोगन लेखन, आशुभाषण, योग अभ्यास, वृक्षारोपण आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
21 जून को विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों में सामूहिक योगाभ्यास और सूर्य नमस्कार का आयोजन किया जाएगा।
यह संगोष्ठी भारत की सांस्कृतिक विरासत “योग” को वैश्विक पटल पर मजबूती से प्रस्तुत करने का प्रेरणास्पद प्रयास सिद्ध हुई।