कलारी गांव में गंदगी का अंबार, नालियां चोक, रास्तों पर बजबजाता पानी
प्रतिमाह लाखों खर्च फिर भी सफाई व्यवस्था चरमरा गई, संक्रमण का खतरा बढ़ा

बरेली। बिथरी चैनपुर ब्लॉक के कलारी गांव में साफ-सफाई के हालात बद से बदतर हो चुके हैं। सरकार द्वारा सफाई कर्मियों को प्रतिमाह लाखों रुपये मानदेय देने के बावजूद गांव की गलियों और मुख्य मार्गों पर गंदगी का अंबार लगा है। नियमित सफाई न होने से ग्रामीणों में आक्रोश है।
नालियां चोक, घरों का गंदा पानी सड़कों पर
ग्रामीणों की मानें तो सफाई कर्मी कई-कई दिनों तक गांव नहीं आता। इस लापरवाही का नतीजा यह है कि गांव की नालियां पूरी तरह से जाम हो चुकी हैं और गंदा पानी लोगों के घरों से निकलकर सड़कों पर बह रहा है। गलियों में कीचड़ और दुर्गंध का आलम है जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
मुख्य मार्ग पर भी पसरी है गंदगी
गांव का मुख्य मार्ग भी गंदगी की चपेट में है। भारी मात्रा में फैले कचरे से न सिर्फ ग्रामीणों का आवागमन प्रभावित हो रहा है, बल्कि आसपास के स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है।
प्रशासन की अनदेखी, ग्रामीण परेशान
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लोग खुद ही झाड़ू और फावड़ा उठाकर गलियों की सफाई कर रहे हैं।