गंगा स्नान में लहरों ने लील ली पांच जिंदगियां

गंगा दशहरा पर फर्रुखाबाद में अलग-अलग घटनाओं में डूबे छह, एक युवक को बचाया, चचेरे भाइयों की एक साथ मौत से मचा कोहराम
फर्रुखाबाद।
गंगा दशहरा के अवसर पर गंगा में स्नान करने गए श्रद्धालुओं के लिए यह दिन मातम में बदल गया। फर्रुखाबाद जिले में अलग-अलग स्थानों पर गंगा में डूबने से पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि एक युवक को गोताखोरों की मदद से बचा लिया गया। इनमें सबसे दर्दनाक हादसा कायमगंज में हुआ, जहां सेना भर्ती की तैयारी कर रहे दो चचेरे भाइयों की डूबकर मौत हो गई।
पहनावन चढ़ाते समय युवक डूबा, मौत
शमसाबाद।
जनपद मैनपुरी के कुचेला गांव निवासी शीलू चौहान (21) अपने मामा के घर फर्रुखाबाद के दाउदपुर गांव में रह रहा था। गुरुवार को वह अपने परिचित सत्यराम पाल के साथ ढाई घाट पर गंगा में पहनावन चढ़ाने गया था। इसी दौरान गहरे पानी में जाकर डूब गया।
गोताखोरों ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद युवक को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
सीओ कायमगंज संजय वर्मा के अनुसार, परिजन बिना किसी पुलिस कार्रवाई के शव को घर ले गए।
स्नान के दौरान किशोर की मौत, गोंडा से आया था परिवार
शमसाबाद।
गोंडा जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र के कदरा गांव निवासी सत्यम (17) अपने चाचा-चाची के साथ गंगा स्नान करने ढाई घाट आया था। स्नान करते समय वह गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा।
चाचा-चाची के शोर मचाने पर गोताखोरों ने करीब 50 मिनट बाद उसे बाहर निकाला, लेकिन सीएचसी ले जाने पर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
परिजनों के अनुसार सत्यम अपने चाचा के साथ नग व प्लास्टिक चटाई का व्यापार करता था। उसके पिता गोंडा में खेती करते हैं।
गंगा में डूबे दो चचेरे भाई, एक युवक को बचाया गया
कायमगंज।
गुरुवार सुबह सिनौली घाट पर गंगा स्नान करते समय नगला बीरबल गांव निवासी सचिन उर्फ छवि (19) और रमन (20) की तेज बहाव में डूबकर मौत हो गई। दोनों चचेरे भाई थे और नगर के मोहल्ला दत्तूनगला में किराए पर रहकर सेना भर्ती की तैयारी कर रहे थे।
उनके साथ अलीगढ़ के मेवा नगला निवासी जोगिंदर (25) भी था, जो उन्हें प्रशिक्षण देता था।
नहाते समय दोनों युवक तेज धार में बहने लगे। सचिन ने चिल्लाकर “गुरु बचाओ” कहा तो जोगिंदर भी कूद पड़े लेकिन वह भी बहने लगे। शोर सुनकर लोगों ने अंगोछा फेंककर जोगिंदर को बचा लिया, लेकिन सचिन और रमन डूब गए।
ढाई घंटे बाद गोताखोरों ने दोनों के शव घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूर से बरामद किए। डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद प्रशासनिक लापरवाही को लेकर लोगों में भारी नाराजगी देखी गई।
सुरक्षा व्यवस्था नदारद, सवालों के घेरे में प्रशासन
तीनों घटनाओं में घाटों पर कोई सुरक्षा व्यवस्था, लाइफ जैकेट या चेतावनी बोर्ड तक नहीं था। न ही कोई स्थायी गोताखोर या होमगार्ड तैनात थे। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन गंगा दशहरा जैसे पर्वों पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति करता है।
एक ही परिवार में दो अर्थियां, मातम का माहौल
कायमगंज हादसे में सचिन और रमन की एक साथ मौत ने पूरे परिवार को झकझोर दिया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सेना में जाने का सपना लेकर तैयारी कर रहे युवाओं की इस तरह मृत्यु ने इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है।
मांग उठी। घाटों पर स्थायी सुरक्षा व्यवस्था हो लागू
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि गंगा घाटों पर स्थायी बचाव दल, चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा उपकरण अनिवार्य किए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।