भ्रष्टाचार में डूबे कुलसचिव पर शासन की गाज: अजय कृष्ण यादव निलंबित, परीक्षा घोटाले से मचा हड़कंप

बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है। विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव अजय कृष्ण यादव को शासन ने गंभीर अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोपों के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उच्च शिक्षा विभाग की सिफारिश पर की गई इस कार्रवाई में उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है।
वर्तमान में अजय कृष्ण यादव राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अलीगढ़ में परीक्षा नियंत्रक पद पर कार्यरत थे। हाल ही में उन्हें प्रयागराज स्थित निदेशक, उच्च शिक्षा कार्यालय से संबद्ध किया गया था। अब निलंबन की अवधि में वे वहीं पर बने रहेंगे।
चौंकाने वाले आरोप, लंबी लिस्ट
पूर्व कुलसचिव पर लगे आरोपों की सूची बेहद गंभीर और शिक्षा व्यवस्था को हिला देने वाली है:
परीक्षा केंद्र निर्धारण में घोटाले और पक्षपात
रिश्वत लेकर कुछ कॉलेजों को दी गई प्राथमिकता
संसाधनों की कमी के बावजूद कॉलेजों को दी गई मान्यता
पाठ्यक्रम अधूरा रहते हुए परीक्षा आयोजित करना
कुलपति की अनुमति के बिना फाइलों पर निर्णय
शिक्षकों का वेतन रोका, प्रशासनिक काम में अनुचित हस्तक्षेप
विवादों का पुराना इतिहास
अजय कृष्ण यादव का कार्यकाल हमेशा विवादों के घेरे में रहा है। वर्ष 2023 में कार्यरत रहते हुए उनके खिलाफ लगातार शिकायतें मिलने पर कुलपति प्रो. केपी सिंह ने शासन को कई बार पत्र भेजे। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो अप्रैल 2024 में उनका कार्यालय सील कर उन्हें पद से मुक्त कर दिया गया।
बाद में जब उन्हें अंतरिम राहत मिली और वे दोबारा पदभार ग्रहण करने पहुंचे तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्यालय खोलने से मना कर दिया। उन्होंने डुप्लीकेट चाभी बनवाकर जबरन ऑफिस खोला, जिससे विवाद और बढ़ गया। इसके बाद उन्हें काशी विद्यापीठ, वाराणसी भेज दिया गया।
शिक्षकों का खुला विद्रोह
उनकी कार्यप्रणाली से नाराज़ शिक्षकों ने एक बार उन्हें चार घंटे तक कार्यालय में बंधक बनाकर विरोध दर्ज किया था। आरोप था कि वे जानबूझकर शिक्षकों की फाइलें रोकते थे और निर्णय में मनमानी करते थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान उनकी कार के टायर तक पंचर कर दिए गए थे।
प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल ने पूरे प्रकरण की जांच का जिम्मा निदेशक, उच्च शिक्षा प्रयागराज को सौंपा है। जांच पूरी होने के बाद अजय कृष्ण यादव के खिलाफ और कठोर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।