नवजात की मौत में निजी अस्पताल की लापरवाही, 5 लाख रुपये का लगा जुर्माना

यूपी के बरेली में नवजात बच्ची की मौत के मामले में कार्रवाई करते हुए निजी अस्पताल पर जुर्माना लगाया गया है। जिला उपभोक्ता आयोग ने 2023 में एक नवजात शिशु की मौत से जुड़े एक मामले में लापरवाही बरतने का दोषी पाते हुए एक निजी अस्पताल की मालकिन डॉ. स्मृता बंसल पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
बजोही निवासी आयुष वार्ष्णेय ने आरोप लगाया कि गर्भावस्था के आठवें महीने में नियमित जांच और सामान्य अल्ट्रासाउंड के बावजूद, अस्पताल में बंसल द्वारा किए गए सिजेरियन सेक्शन के तुरंत बाद उनकी नवजात बेटी की मृत्यु हो गई।
वकील लव मोहन वार्ष्णेय ने बुधवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रसव से पहले, आयुष की पत्नी दीप्ति वार्ष्णेय बीमार पड़ गईं और उन्हें संभल के चंदौसी इलाके के चाइल्ड केयर सेंटर में भर्ती कराया गया। सिजेरियन ऑपरेशन किया गया, बच्चे का जन्म हुआ, लेकिन नवजात की कुछ ही घंटों में मौत हो गई।
उन्होंने आगे कहा कि अस्पताल ने न तो मौत का कारण बताया, न ही मृत्यु प्रमाण पत्र या मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध कराए। उन्होंने वार्ष्णेय की शिकायतों को भी नज़रअंदाज़ कर दिया और सीएमओ से उनकी बातचीत का भी कोई नतीजा नहीं निकला। अदालत ने अस्पताल को लापरवाही का दोषी ठहराया और 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जो दो महीने के भीतर चुकाना होगा। साथ ही मानसिक और आर्थिक कष्ट के लिए 50,000 रुपये और मुकदमे के खर्च के रूप में 5,000 रुपये भी देने होंगे। अदालत ने कहा किभुगतान न करने पर ब्याज दर बढ़कर 9% वार्षिक हो जाएगी।