जोगी नवादा में मोहर्रम पर दिखी भाईचारे की मिसाल, हिंदू समाज ने ताजिया जुलूस पर बरसाए फूल

बरेली। मोहर्रम के अवसर पर बरेली के जोगी नवादा मोहल्ले में इस बार एक अलग ही तस्वीर देखने को मिली। वर्षों से जहां तख्त जुलूस को लेकर विवाद चलता आ रहा था, वहीं इस बार जुलूस पर हिंदू समुदाय के लोगों ने फूल बरसाकर गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश की।
मौर्य गली में फूलों और मालाओं से हुआ स्वागत
जैसे ही ताजिया जुलूस मौर्य गली से गुजरा, हिंदू समुदाय के प्रमुख नागरिक संजय शर्मा, डॉ. राकेश, बनवारी प्रसाद, और हरेंद्र सिंह ने मुस्लिम समाज के हाजी शरीफ, हनीफ इदरीसी, जुल्फिकार सहित जुलूस में शामिल अकीदतमंदों को माला पहनाकर स्वागत किया और गले मिलकर भाईचारे का संदेश दिया।
इस दृश्य को देख कर हर कोई भावुक हो उठा। स्थानीय लोगों का कहना था कि वर्षों की दूरी आज खत्म हो गई और मोहब्बत की एक नई शुरुआत हुई।
पुराने विवाद पर संवाद से बना समाधान
जोगी नवादा की मौर्य गली में पिछले दो वर्षों से तख्त जुलूस के मार्ग को लेकर विवाद था कभी सड़क की खुदाई, तो कभी पीपल की डाल काटने का मामला।
इस बार दोनों समुदायों ने आपसी बैठक की, सहमति बनाई और प्रशासन की देखरेख में जुलूस उसी पारंपरिक मार्ग से शांतिपूर्वक निकाला गया।
प्रशासन ने निभाई अहम भूमिका, रहा सुरक्षा का पुख्ता इंतज़ाम
पूरे आयोजन के दौरान PAC, RAF और अन्य सशस्त्र बलों की तैनाती की गई।
एसपी सिटी मानुष पारीक ने आयोजन की सफलता पर संतोष जताते हुए कहा—“इस बार लोगों ने विवाद नहीं, समाधान चुना। दोनों समुदायों ने आपसी समझदारी दिखाकर त्योहार को पूरी तरह शांतिपूर्ण बनाया।”
भविष्य के त्योहारों को लेकर उम्मीदें जगीं
स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर इसी तरह का सौहार्द बना रहा, तो आगामी कांवड़ यात्रा, गणेश विसर्जन, और वारावफात जैसे बड़े धार्मिक आयोजन भी इसी तरह शांतिपूर्ण और सहयोगपूर्ण माहौल में सम्पन्न होंगे।