उत्तर प्रदेश बना वन संरक्षण में देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य: वन मंत्री

बरेली। उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश का वनावरण 23,437.53 वर्ग किमी (9.73%) से बढ़कर 23,996.72 वर्ग किमी (9.96%) हो गया है। वन क्षेत्र में 559.19 वर्ग किमी की वृद्धि के साथ उत्तर प्रदेश देश में वन संरक्षण के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
मंत्री ने कहा कि सरकार वन क्षेत्र के विस्तार के लिए निरंतर प्रयासरत है और इसके लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि दुधवा टाइगर रिजर्व और दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में इको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 25 नवंबर, 2024 को लखनऊ से पलिया तक हवाई सेवा शुरू की गई। साथ ही, गोरखपुर के कैम्पियरगंज में एशिया के पहले जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस केंद्र में 6 राजगिद्धों (नर और मादा) को लाया गया है और यहां ब्रीडिंग एवरी, होल्डिंग एवरी, हॉस्पिटल एवरी, नर्सरी एवरी, वेटनरी सेक्शन, प्रशासनिक भवन, रिकवरी एवरी, गार्ड रूम, जेनरेटर रूम और पाथवे जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं।
वन मंत्री ने बताया कि ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ, पर्यावरण बचाओ’ अभियान 2024 के तहत 20 जुलाई, 2024 को 26 सरकारी विभागों के सहयोग से 36.50 करोड़ पौधरोपण के लक्ष्य के मुकाबले 36.51 करोड़ पौधे रोपे गए। इसके अलावा, वेटलैंड संरक्षण के लिए 223 महत्वपूर्ण वेटलैंड्स के जलागम क्षेत्र में संरक्षण कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश में 948 विरासत वृक्षों से रोपण सामग्री प्राप्त कर गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली, मथुरा, सीतापुर, चित्रकूट और मिर्जापुर में विरासत वृक्ष वाटिकाएं स्थापित की गई हैं। रामपुर, बरेली, पीलीभीत और लखीमपुर खीरी में मित्र वन भी बनाए गए हैं।
पौधरोपण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश निजी वृक्षों के लिए कार्बन क्रेडिट भुगतान करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।






