अखिल भारतीय काव्यधारा के बैनर तले आयोजित साहित्यिक संध्या में कवि सम्मेलन ने बांधा समां

बरेली। अखिल भारतीय काव्यधारा, बरेली इकाई के तत्वावधान में बदायूं रोड स्थित आज़ाद पैलेस में एक भव्य पुस्तक लोकार्पण, सम्मान समारोह एवं कवि सम्मेलन का आयोजन संपन्न हुआ। देश के विभिन्न हिस्सों से पधारे साहित्यप्रेमियों, कवियों व रचनाकारों की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
‘काव्यानुभूति की तरंगें’ का लोकार्पण
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में बरेली की चर्चित कवयित्री अलका गुप्ता के प्रथम काव्य संग्रह ‘काव्यानुभूति की तरंगें’ का लोकार्पण हुआ।
मुख्य अतिथि संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र कमल ‘आनंद’, विशिष्ट अतिथि राजवीर सिंह ‘राज’ (रामपुर), रागिनी गर्ग ‘चुनमुन’, तथा अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड़ ‘धीर’ सहित अन्य विशिष्टजनों ने सामूहिक रूप से पुस्तक का विमोचन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए जितेंद्र कमल ‘आनंद’ ने कहा,
“यह संग्रह पाठकों को जीवन की सूक्ष्म अनुभूतियों और विविध भावनात्मक आयामों से जोड़ता है। इसकी रचनाएं संवेदनशीलता, आत्ममंथन और काव्यात्मक सौंदर्य से परिपूर्ण हैं।”
साहित्य सेवा के लिए किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में साहित्यिक योगदान हेतु चयनित रचनाकारों को शॉल, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
सम्मान प्राप्त करने वाले रचनाकारों में शामिल रहे:
रणधीर प्रसाद गौड़ ‘धीर’, राजबाला ‘धैर्य’, सुभाष रावत ‘राहत बरेलवी’, शालिनी शर्मा ‘मुक्ता’, राजवीर सिंह ‘राज’, रागिनी गर्ग ‘चुनमुन’, अलका गुप्ता, रामकुमार ‘अफरोज’, राम प्रकाश सिंह ‘ओज’ और उमेश ‘अद्भुत’।
सम्मान समारोह का संचालन एवं मंच संचालन राष्ट्रीय महासचिव राम किशोर वर्मा ने किया। इस दौरान मंच पर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:
जितेंद्र कमल ‘आनंद’ (राष्ट्रीय अध्यक्ष), उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट (महासचिव), वीर सिंह आज़ाद (वरिष्ठ सदस्य)।
कवि सम्मेलन में देर रात तक गूंजती रहीं तालियां
तृतीय सत्र में आयोजित कवि सम्मेलन में नगर एवं अन्य जनपदों से आए कवियों ने अपनी ओजपूर्ण, भावप्रवण एवं हास्य-व्यंग्य से युक्त रचनाओं से श्रोताओं को देर रात तक मंत्रमुग्ध रखा।
काव्य-पाठ की प्रस्तुति में विविध रसों की झलक थी— कहीं समाज पर प्रहार, तो कहीं प्रेम की गूंज। सभागार बार-बार करतल ध्वनि से गूंजता रहा।
प्रमुख उपस्थिति
इस आयोजन में नगर व बाहर से अनेक साहित्यकारों एवं साहित्य अनुरागियों की उपस्थिति रही। प्रमुख उपस्थित गणमान्य जनों में शामिल रहे:
उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट, राजबाला ‘धैर्य’, वीर सिंह आज़ाद, दीपक मुखर्जी ‘दीप’, किरन प्रजापति दिलवारी, लक्ष्वेश्वर राजू, भारतेंद्र सिंह, महेंद्र पाल सिंह (शाहजहांपुर), रामधनी निर्मल, धर्मपाल सिंह चौहान ‘धर्म’, मनोज दीक्षित ‘टिंकू’, राजकुमार अग्रवाल, नरेश मिश्रा और संजीव शर्मा।