गांवों में गंदगी का अंबार, सफाई व्यवस्था पर लगा ग्रहण, संचारी रोग अभियान की खुली पोल

बरेली। सावन के पवित्र माह में जहां एक ओर संचारी रोग अभियान को लेकर शासन-प्रशासन गंभीरता दिखा रहा है, वहीं बिथरी चैनपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में हालात बिल्कुल उलट हैं। गांवों में गंदगी का ऐसा अंबार लगा है कि लोग बीमारियों से त्रस्त हैं। सचिव और ग्राम प्रधान सफाई व्यवस्था को लेकर लापरवाह बने हुए हैं।
ग्राम पंचायत मुड़िया अहमदनगर, भिडोलिया, परसोना, इटाआ बेनीराम समेत कई गांवों की हालत बद से बदतर है। नालियां बजबजा रही हैं और गलियों में कीचड़ और कूड़े के ढेर लगे हैं। सरकारी स्कूलों और पंचायत भवनों तक में सफाई नहीं हो रही, जिससे बच्चों की सेहत पर भी खतरा मंडरा रहा है।
साफ-सफाई ठप, मॉनीटरिंग गायब
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि ब्लॉक स्तर के अधिकारियों ने सफाई व्यवस्था की मॉनीटरिंग बंद कर दी है। सचिव और ग्राम प्रधान गांवों में न तो नालियां साफ करा रहे हैं और न ही किसी प्रकार का कीटनाशक दवा छिड़काव हो रहा है। इससे डेंगू, मलेरिया और फाइलेरिया जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा तेजी से बढ़ गया है।
डीएम के आदेशों की उड़ रही धज्जियां
गौरतलब है कि जिलाधिकारी बरेली द्वारा हाल ही में संचारी रोग अभियान की समीक्षा बैठक में साफ निर्देश दिए गए थे कि सावन महीने में विशेष रूप से स्वच्छता पर फोकस किया जाए और नियमित क्रॉस चेकिंग की जाए। लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे एकदम अलग है।
ग्रामीण बोले—बीमारी फैली तो जिम्मेदार कौन?
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सफाई नहीं कराई गई और दवा का छिड़काव नहीं हुआ तो वे ब्लॉक और जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।