दहेज का दानव निगल गया एक और बेटी की जिंदगी

बरेली के सिरौली थाना क्षेत्र के सुकटिया गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने समाज के माथे पर फिर से दहेज की क्रूरता का कलंक लगा दिया। 20 वर्षीय श्रीवती, जो तीन साल पहले अपने सपनों और आशाओं के साथ ससुराल में कदम रखी थी, आज अपने पीछे सिर्फ़ सवाल और एक मासूम बेटे को छोड़ गई। मायके वालों का आरोप है कि श्रीवती की हत्या दहेज के लालच में की गई।
शाहजहांपुर के रायपुर गांव की रहने वाली श्रीवती की शादी तीन साल पहले सुकटिया गांव के रोहन के साथ हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी। मायके वालों ने अपनी हैसियत के अनुसार दान-दहेज दिया, मगर ससुराल पक्ष की भूख यहीं नहीं रुकी। श्रीवती की मां राम देवी का कहना है, “हमारी बेटी को हर दिन दहेज की मांग के लिए ताने, मारपीट और मानसिक यातनाएं दी जाती थीं। पति रोहन आए दिन उस पर हाथ उठाता था।”
शुक्रवार को ससुराल से अचानक फोन आया कि श्रीवती की तबीयत खराब है। मायके वाले दौड़े-दौड़े ससुराल पहुंचे, मगर वहां का मंजर देखकर उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। श्रीवती ज़मीन पर मृत पड़ी थी। परिजनों को शक है कि उसकी गला दबाकर या फांसी लगाकर हत्या की गई। मां राम देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वे कहती हैं, “हमारी बेटी को दहेज के राक्षसों ने मार डाला।”
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। श्रीवती का एक छोटा बेटा अब मां की छांव के बिना बड़ा होगा। यह घटना समाज के लिए एक और चेतावनी है कि दहेज की लालच कितनी जिंदगियों को लील रही है। क्या श्रीवती को इंसाफ मिलेगा? यह सवाल हर किसी के मन में गूंज रहा है।