शराबी पति की हैवानियत: पत्नी को अप्राकृतिक संबंध के लिए मजबूर किया, मना करने पर गला दबाकर दी मौत की धमकी
बरेली में दहेज लोभियों का तांडव: "बुलेट नहीं लाई तो घर में जगह नहीं", ससुरालियों ने मिलकर निकाला बाहर

बरेली। दहेज की भूख और नशे की लत ने एक बार फिर एक महिला की जिंदगी तबाह कर दी। भोजीपुरा थाना क्षेत्र की एक विवाहिता को उसके शराबी पति ने नशे में धुत होकर अप्राकृतिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। विरोध करने पर बेरहमी से गला दबाया, मारपीट की और धमकी दी कि “दहेज में बुलेट नहीं लाई तो इस घर में तेरी कोई जगह नहीं।” सास, जेठ और देवर ने भी मिलकर उसे पीटा और ठंडी रात में घर से बाहर निकाल दिया। पीड़िता अब मायके में शरण लिए हुई है, जबकि पुलिस ने आरोपी पति और ससुरालियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। यह घटना समाज में दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा की कड़वी सच्चाई को फिर से उजागर करती है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़िता का विवाह वर्ष 2016 में हुआ था। मायके वालों ने अपनी हैसियत के मुताबिक दान-दहेज दिया, लेकिन ससुराल पक्ष की लालच खत्म नहीं हुई। वे लगातार बुलेट मोटरसाइकिल की मांग करते रहे। इस मांग को लेकर पति और अन्य परिजन आए दिन गाली-गलौज और मारपीट करते थे। पीड़िता ने महिला थाने में दिए बयान में बताया कि 5 जनवरी 2025 को सबसे खौफनाक घटना घटी। पति शराब पीकर घर आया और उससे अप्राकृतिक संबंध बनाने की जिद करने लगा। जब उसने दर्द की शिकायत की और मना किया, तो पति ने गुस्से में उसका गला दबा दिया। बोला, “न दहेज में बुलेट लाई, न मेरी बात मानती है—तेरी इस घर में कोई जगह नहीं है।”
इसके बाद सास, जेठ और देवर ने भी महिला पर हमला बोल दिया। उन्होंने मिलकर उसे बुरी तरह पीटा और तन्हा कपड़ों में घर से बाहर धकेल दिया। ठंडी रात में बेघर हुई महिला किसी तरह मायके पहुंची और वहां से पुलिस को शिकायत की।
पुलिस की कार्रवाई
महिला थाने में तहरीर मिलने पर पुलिस ने तुरंत संज्ञान लिया। पीड़िता के बयान के आधार पर पति, सास, जेठ और देवर के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, मारपीट, अप्राकृतिक संबंध के लिए मजबूर करने और जान से मारने की धमकी जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे पीड़िता के परिवार में डर का माहौल है।
समाज पर सवाल
यह घटना बरेली जैसे इलाके में दहेज प्रथा की जड़ों को फिर से उजागर करती है। आखिर कब तक महिलाएं दहेज की बलि चढ़ती रहेंगी? नशे और हिंसा की यह कहानी न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी भी। पुलिस की सख्त कार्रवाई से ही ऐसे मामलों पर लगाम लग सकती है। अब देखना यह है कि न्याय की प्रक्रिया कितनी तेजी से आगे बढ़ती है और पीड़िता को इंसाफ मिलता है या नहीं।