विदा हुए गणपति बप्पा…अगले बरस जल्दी आने के वादे संग निकाली गई भव्य शोभायात्रा

बरेली। शहर में धूमधाम से मनाए जा रहे साप्ताहिक गणेशोत्सव का समापन मंगलवार को प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ हुआ। रामगंगा घाट पर बड़ी संख्या में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इस दौरान निकली भव्य शोभायात्रा में श्रद्धालुओं का जोश देखते ही बन रहा था। जगह-जगह दही-हांडी (मटकी फोड़) का आयोजन भी किया गया।
पूजा, पाठ और महाआरती के साथ समापन
मंगलवार सुबह बाबूराम धर्मशाला शिवाजी मार्ग पर गणेश पूजन और अथर्वशीर्ष पाठ का समापन हुआ। इसके बाद हवन और महाआरती हुई, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय व्यापारी और श्रद्धालु शामिल हुए।
नाशिक ढोल और सांगली बैंड ने बांधा समां
दोपहर 12 बजे भव्य शोभायात्रा का आगाज महापौर उमेश गौतम ने हरी झंडी दिखाकर किया। शोभायात्रा में महाराष्ट्र के सांगली जिले से आए 100 कलाकारों का बैंड शामिल रहा। नाशिक ढोल की थाप पर भक्त नाचते-गाते झूम उठे और पूरा शहर गणेशमय हो गया।
गुलाल और दही-हांडी ने बढ़ाई रौनक
शोभायात्रा में सराफा बाजार के खंडसारी नाथ मंदिर सहित कई पंडालों की गणेश प्रतिमाएं रथों पर सवार थीं। रास्ते भर भक्तों ने “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे लगाए और गुलाल उड़ाकर उत्सव का आनंद लिया। दही-हांडी उत्सव में गोविंदाओं की टीम ने पिरामिड बनाकर मटकी फोड़ी, जिस पर लोगों ने जमकर उत्साह जताया।
गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल
शोभायात्रा ने शहर की गंगा-जमुनी तहजीब की भी मिसाल पेश की। मनिहारान चौराहा पर अमन कमेटी के अध्यक्ष डॉ. कादिर अहमद और अन्य लोगों ने शोभायात्रा का स्वागत किया। जगह-जगह सामाजिक संगठनों और व्यापारियों ने फूल बरसाकर श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ाया।
रामगंगा घाट पर हुआ विसर्जन
शोभायात्रा का समापन किला फाटक पर हुआ, जहां से प्रतिमाएं रामगंगा तट पर विसर्जन के लिए ले जाई गईं। गणपति बप्पा की विदाई के साथ भक्तों ने अगले बरस जल्दी आने की गुहार लगाई।