बरेली बना साइबर ठगों का अड्डा…पंजाब-हरियाणा और तमिलनाडु से उड़ाए करोड़ों रुपये, प्रेमनगर पुलिस ने गैंग का किया राजफाश

बरेली। पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु के लोगों से करोड़ों रुपये ठगने वाले साइबर अपराधियों ने बरेली को हब बना रखा था। यहां गरीब मजदूरों और रिक्शा चालकों के नाम पर खाते खुलवाकर ठगी की रकम ट्रांसफर कराई जाती थी। प्रेमनगर पुलिस ने इस बड़े गिरोह का पर्दाफाश कर सरगना मुशर्रफ समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इनके पास से 100 से अधिक बैंक खाते और तीन बाइक बरामद की हैं।
गरीबों को बना रहे थे मोहरा
इज्जतनगर के परतापुर चौधरी निवासी मुशर्रफ ने अपने साथियों के साथ पूरा गैंग खड़ा कर लिया था। यह लोग मजदूर, रिक्शा चालक, ठेला-फड़ लगाने वालों को तलाशते और 1-2 हजार रुपये का लालच देकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाते। खाते की डिटेल साइबर ठगों तक पहुंचा दी जाती। ठग इन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर करते और मुशर्रफ कैश निकालकर कमीशन काटकर बाकी रकम ठगों के बताए खातों में डाल देता।
ऐसे तोड़ते थे मनी ट्रेल
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि ठग बरेली के खातों में रकम भेजकर मनी ट्रेल तोड़ते थे। रकम कैश के रूप में निकलवाकर दोबारा जमा की जाती, जिससे ठगी की रकम का ट्रैक यहीं खत्म हो जाता था। इसी वजह से दूसरे राज्यों की पुलिस ठगों तक नहीं पहुंच पाती थी।
पुलिस की गिरफ्त में चार, तीन फरार
प्रेमनगर पुलिस ने सरगना मुशर्रफ के साथ किला के चौधरी तालाब निवासी अब्दुल रज्जाक, सीबीगंज के जोहरपुर निवासी निशांत श्रीवास्तव और किला के शिवम गोश्वामी को गिरफ्तार किया है। जबकि हामिद, मोहित और जीशान फरार हो गए।
पूछताछ में मुशर्रफ ने बताया कि पिथौरागढ़ में एल्युमिनियम का काम करते वक्त उसकी मुलाकात कुछ लोगों से हुई थी। वहीं से उसे ठगों के लिए खाते उपलब्ध कराने का धंधा करने का आइडिया मिला। इसके बाद उसने गिरोह बना लिया और हर ट्रांजैक्शन पर कमीशन लेने लगा।
जांच का दायरा बढ़ा
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश की जा रही है। बरामद किए गए 100 खातों में किन-किन राज्यों से रकम आई है, इसकी भी जांच शुरू कर दी गई है।
एसपी सिटी का बयान
“गिरोह गरीब लोगों को लालच देकर खाते खुलवाता और उन्हें साइबर ठगों तक पहुंचाता था। प्रेमनगर पुलिस ने इस बड़े नेटवर्क का राजफाश किया है। आगे की जांच जारी है।”… मानुष पारीक, एसपी सिटी