जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा बहेड़ी, रामलीला मेले में उमड़ा जनसैलाब

बहेड़ी। नगर में चल रहे ऐतिहासिक श्रीरामलीला मेले का समापन शनिवार को श्रद्धा, उल्लास और भव्यता के माहौल में हुआ। सुबह से ही नगर की गलियां भक्तिमय नारों से गूंज उठीं। जगह-जगह “जय श्रीराम” के जयघोष वातावरण में गूंजते रहे। श्रद्धालुओं और दर्शकों की भीड़ ने मेले को ऐतिहासिक बना दिया।
श्रद्धा और आस्था का संगम
मेले के समापन अवसर पर नगरवासियों ने भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण की झांकी का दर्शन किया। झांकियों के साथ निकली शोभायात्रा ने पूरे नगर को आस्था के रंग में रंग दिया। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी हाथ जोड़कर “जय श्रीराम” के जयघोष कर रहे थे।
व्यवस्थाओं में दिखा अजय जायसवाल बाबी का नेतृत्व
नगर पालिका चेयरमैन पति अजय जायसवाल बाबी के नेतृत्व में पूरे आयोजन की व्यवस्थाएं शानदार रहीं। उन्होंने पूरे मेले के दौरान साफ-सफाई, बिजली, पानी और श्रद्धालुओं की सुविधा पर विशेष ध्यान दिया।
मेला कमेटी और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर आयोजन को सफल और अनुशासित बनाने में अहम भूमिका निभाई।
कड़ी सुरक्षा और अनुशासन का उत्कृष्ट उदाहरण
सुरक्षा व्यवस्था की कमान बहेड़ी कोतवाल संजय तोमर के हाथों में रही। उनकी देखरेख में पुलिस बल लगातार गश्त करता रहा। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पुलिस की मौजूदगी से पूरे आयोजन में शांति और व्यवस्था बनी रही।
भव्य आतिशबाज़ी ने बांधा समां
समापन के मौके पर हुई शानदार आतिशबाज़ी ने आसमान को रंगीन रोशनी से भर दिया। आसमान में चमकते पटाखों को देखकर बच्चों और परिवारों के चेहरे खिल उठे। पूरा माहौल उत्सवमय हो गया।
रामलीला के अंतिम दृश्य ने किया भावविभोर
श्रीरामलीला के अंतिम दृश्य रावण वध और भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने का मंचन देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। जयघोषों की गूंज से पूरा बहेड़ी नगर राममय हो गया।
सामाजिक एकता का अद्भुत उदाहरण बना आयोजन
कार्यक्रम के समापन पर मेला कमेटी और नगर के गणमान्य नागरिकों ने सभी सहयोगियों और अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।
यह वर्ष का बहेड़ी श्रीरामलीला मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, भक्ति और सामूहिक सहभागिता का प्रेरक उदाहरण बन गया।