धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का दूसरा मदरसा भी अवैध

बरेली। जिले में धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के खिलाफ कार्रवाई लगातार तेज हो रही है। जांच में अब करेली का मदरसा भी अवैध पाया गया है। इससे पहले भुता के मदरसे का रिकॉर्ड नहीं मिला था। पुलिस दोनों मदरसों की कमेटियों में शामिल सदस्यों की तलाश कर रही है।
दस दिन पहले हुआ था बड़ा खुलासा
करीब दस दिन पहले एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा ने इस मामले का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
यह मुकदमा अलीगढ़ निवासी अखिलेश कुमारी की तहरीर पर भुता थाने में दर्ज हुआ था। आरोप था कि फैजनगर गांव के मदरसे में उनके जन्मांध बेटे व जीआईसी प्रवक्ता प्रभात उपाध्याय को दूसरी शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था।
महमूद बेग अब तक फरार
पांचवां आरोपी महमूद बेग (रहपुरा चौधरी गांव निवासी) पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस ने उसे वांछित घोषित किया है।
उसकी पत्नी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि 20 अगस्त को सादा कपड़ों में पुलिस उसे उठाकर ले गई थी। आशंका जताई कि कहीं पुलिस उसका एनकाउंटर न कर दे।
हाईकोर्ट सख्त
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जफीर अहमद और सलिल कुमार राय ने मामले में पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। आदेश दिया है कि 8 सितंबर को SSP व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हों और आरोपी महमूद बेग को भी तलाश कर कोर्ट में प्रस्तुत करें।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव के नेतृत्व में गठित टीम उसकी तलाश कर रही है।
हाफिज आकिल को छोड़ा गया
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय सचिव नियाज अहमद फारुकी ने बताया कि महमूद बेग और हाफिज आकिल को हिरासत में लिए जाने की खबर मिली थी।
परिजनों ने संगठन अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी से मुलाकात की और पुलिस एनकाउंटर की आशंका जताई। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई। जांच में हाफिज आकिल निर्दोष पाए गए और बुधवार रात पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया।
425 मदरसे ही वैध
एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा ने बताया कि जिले में केवल 425 मदरसे ही पंजीकृत व वैध हैं, जबकि बाकी मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे हैं। इस मामले में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। पुलिस का दावा है कि फरार आरोपी जल्द गिरफ्तार होंगे।






