गोसेवा ट्रस्ट के नाम पर 21 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार – मंत्री का रिश्तेदार भी रडार पर

मथुरा। धार्मिक ट्रस्ट के नाम पर लोगों की आस्था से खेलते हुए साइबर ठगों ने एक महीने में 21 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया। मामले में “शिव गौरा गोसेवा ट्रस्ट” के नाम से खोले गए बैंक खाते का इस्तेमाल किया गया, जिसमें देशभर से ठगी की रकम आई और कुछ घंटों के भीतर ही दूसरे खातों में ट्रांसफर कर निकाल ली गई।
साइबर पुलिस ने इस नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए दो युवकों को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि इस पूरे नेटवर्क का संचालन करने वाला सरगना “अभिषेक”, प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री चौ. लक्ष्मी नारायण के बेटे का साला बताया जा रहा है।
कैसे हुआ खुलासा?
6 अगस्त को मथुरा के एसबीआई कैंट शाखा में गौतम उपाध्याय, शिवम कुमार और गोविंद कुमार नामक युवकों ने मिलकर “शिव गौरा गोसेवा ट्रस्ट” के नाम से एक चालू खाता (करंट अकाउंट) खुलवाया। एक महीने के भीतर 21 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन होते देख बैंक मैनेजर ने शक होने पर साइबर सेल को जानकारी दी।
जांच में सामने आया कि खाता खोलने के कुछ घंटों बाद ही राशि को अन्य खातों में ट्रांसफर कर कैश निकाल लिया जाता था।
साइबर पोर्टल पर शिकायतों की बाढ़
जैसे ही खाते की जांच शुरू हुई, साइबर टीम को सैकड़ों शिकायतें मिलीं जो इस खाते से जुड़ी साइबर ठगी से संबंधित थीं।
जांच में सामने आया कि: कुल 21 करोड़ में से 20.93 करोड़ रुपये तत्काल ट्रांसफर किए गए।
सिर्फ 7 लाख रुपये ही खाते में शेष बचे, जिन्हें पुलिस ने फ्रीज़ कर दिया है।
ट्रांजैक्शनों की स्पीड और पैटर्न से स्पष्ट हुआ कि यह एक संगठित साइबर गिरोह का काम था।
मंत्री ने पल्ला झाड़ा: “रिश्तेदारी अलग, कानून अलग”
जब इस मामले में सरगना अभिषेक के संबंध में सवाल किया गया, तो गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा: “यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है। यदि कोई रिश्तेदार गलत करता है तो उसमें मैं क्या कर सकता हूं। पुलिस अपना काम करेगी।” इस बयान से साफ है कि सरकार आरोपी को लेकर कोई राजनीतिक संरक्षण देने के मूड में नहीं है।






