UPSC टॉपर से बनीं SDM इशिता किशोर ने खुद सिखाए सेल्फ डिफेंस मूव्स, छात्राओं में जोश

बरेली। महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार का मिशन शक्ति अभियान लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को तहसील बहेड़ी में आयोजित आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर ने क्षेत्र की छात्राओं में आत्मविश्वास की लहर दौड़ा दी। यूपीएससी 2022 टॉपर और बहेड़ी की एसडीएम इशिता किशोर ने खुद मैदान में उतरकर बेटियों के साथ प्रशिक्षण लिया, जो न सिर्फ प्रेरणादायक था बल्कि मिशन शक्ति को जन-जन तक पहुंचाने का एक मजबूत संदेश भी।
बेटियों को सशक्त बनाने का अनोखा अंदाज
शिविर में मार्शल आर्ट की बारीकियां, अचानक हमलों से बचाव की तकनीकें और मानसिक मजबूती पर विशेष फोकस किया गया। प्रशिक्षकों ने छात्राओं को सिखाया कि कैसे रोजमर्रा की स्थितियों में खुद को सुरक्षित रखा जाए। एसडीएम इशिता किशोर ने खुद छात्राओं के बीच बैठकर हर मुद्रा और तकनीक को अपनाया, जिससे बेटियों का उत्साह दोगुना हो गया। उन्होंने कहा, “हर बेटी में अपार शक्ति छिपी है, बस जरूरत है आत्मविश्वास जगाने की। अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहो, कभी खुद को असहाय मत समझो और हर चुनौती का डटकर मुकाबला करो।”
यह देखकर छात्राएं उत्साहित हो उठीं। एक छात्रा ने बताया, “मैडम ने हमें न सिर्फ तकनीक सिखाई बल्कि हौसला भी दिया। अब हम खुद को कमजोर नहीं समझतीं।”
मिशन शक्ति: सुरक्षा से सशक्तिकरण तक का सफर
मिशन शक्ति अभियान अब बेटियों के लिए आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुका है। इस शिविर ने शारीरिक फिटनेस के साथ-साथ मानसिक ताकत पर जोर दिया। प्रशिक्षकों के अनुसार, नियमित अभ्यास से ये गुर जीवनभर साथ निभाते हैं और किसी भी खतरे से निपटने में मदद करते हैं। कार्यक्रम में शामिल स्थानीय लोगों ने इसे सराहा और कहा कि ऐसे आयोजन बेटियों में सुरक्षा की जागरूकता बढ़ाते हैं, साथ ही समाज को भी मजबूत बनाते हैं।
एसडीएम की यह पहल मिशन शक्ति को ग्रामीण स्तर पर मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई। बहेड़ी जैसे क्षेत्रों में जहां महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है, ऐसे शिविर नई उम्मीद जगाते हैं। स्थानीय निवासियों का मानना है कि इशिता किशोर जैसी अधिकारी की सक्रियता से बेटियां न सिर्फ सुरक्षित महसूस करेंगी बल्कि आत्मनिर्भर बनकर देश का नाम रोशन करेंगी।