बरेली में अभिषेक की रहस्यमयी हत्या, छात्रा का पिता संदेह के घेरे में, पुलिस कर रही गहन जांच

बरेली। बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र के रजऊ परसपुर गांव में बुधवार रात युवक अभिषेक यादव की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। मामला मेले के दौरान हुआ, जहां पहले कुछ युवकों के बीच झगड़ा हुआ था। अब पुलिस इस हत्या को छात्रा की शिकायत से जुड़ी पुरानी रंजिश और आपसी विवाद दोनों कोणों से जांच रही है।
हत्या के बाद गांव में मचा हड़कंप
रजऊ परसपुर में आयोजित रामलीला कार्यक्रम में रावण वध के बाद अचानक हुए हमले में अभिषेक गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना बरेली-सीतापुर हाईवे पर पुलिस बैरियर के पास हुई। घायल को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने हत्या के लिए उसी छात्रा के परिवार को जिम्मेदार ठहराया है, जिसने कुछ महीने पहले अभिषेक पर छेड़खानी का केस दर्ज कराया था।
घर में मिला छात्रा का पिता, पुलिस ने थाने में बैठाया
घटना के बाद जब पुलिस ने दबिश दी तो छात्रा का पिता घर में ही मौजूद मिला। पूछताछ में उसने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि घटना के वक्त वह घर में सो रहा था। हालांकि पुलिस ने उसे थाने में बैठाकर पूछताछ शुरू कर दी है, क्योंकि उसके खिलाफ पहले से एक ग्रामीण की हत्या का मामला दर्ज है और वह जेल भी जा चुका है।
मेले में झगड़े से भी जोड़कर देख रही पुलिस
एसपी उत्तरी के निरीक्षण के दौरान पता चला कि मेले में मगनापुर और अंधरपुरा गांव के लड़कों के बीच झगड़ा हुआ था। पुलिस अब यह भी जांच रही है कि कहीं उसी झगड़े के दौरान किसी ने रंजिश में अभिषेक पर हमला तो नहीं किया। सूत्रों का कहना है कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कमजोर थी और मौजूद पुलिसकर्मी युवकों की हरकतों को नजरअंदाज कर रहे थे।
छेड़खानी केस के बाद छात्रा ने छोड़ा कॉलेज
पिछले साल 11 नवंबर को एक छात्रा ने अभिषेक यादव पर छेड़खानी और उसके पिता रामकिशन फौजी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। छात्रा ने अकेले थाने जाकर तहरीर दी थी और बताया था कि अभिषेक रास्ते में उसे परेशान करता है। इसके बाद उसने कॉलेज जाना बंद कर दिया था। पुलिस ने तब अभिषेक को जेल भेजा था, हालांकि कुछ महीने बाद वह जमानत पर छूटकर बाहर आ गया।
फैक्टरी में करता था काम, परिवार में पसरा सन्नाटा
अभिषेक के पिता रामकिशन यादव सेना से सेवानिवृत्त हैं और दूध का व्यवसाय करते हैं। चार भाइयों में अभिषेक तीसरे नंबर का था और पास की फैक्टरी में दैनिक वेतन पर काम करता था। घटना के बाद गांव में सन्नाटा पसरा है और परिजन न्याय की गुहार लगा रहे हैं।