सरकारी शत्रु संपत्ति पर निजी दावा! कोर्ट के स्टे से बरेली से लखनऊ तक मचा हड़कंप

बरेली। तहसील बहेड़ी के ग्राम ढकिया में शत्रु संपत्ति के नाम पर बड़ा मामला सामने आया है। भारत सरकार के नाम खतौनी में दर्ज शत्रु संपत्ति पर कुछ व्यक्तियों ने अपर जिला एवं सत्र न्यायालय से स्थगन आदेश (Stay Order) जारी करा लिया। जानकारी होते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। अब कोर्ट से जारी स्थगन आदेश को निरस्त कराने की कार्रवाई तेज कर दी गई है।
लखनऊ तक मची खलबली
शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय, लखनऊ के उप अभिरक्षक राजेंद्र कुमार ने इस मामले में जिलाधिकारी अविनाश सिंह को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि ग्राम ढकिया, गाटा संख्या 164 एबी 17 के अंतर्गत भूमि शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज है। इसके बावजूद कुछ व्यक्तियों ने संपत्ति पर कोर्ट से स्थगन आदेश हासिल कर लिया और अब स्थानीय राजस्व अधिकारी उस आदेश को मान रहे हैं।
केवल उच्च न्यायालय को है अधिकार
उप अभिरक्षक ने पत्र में स्पष्ट किया कि शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) अधिनियम, 2017 की धारा 188 के अनुसार, शत्रु संपत्तियों से संबंधित किसी भी विवाद की सुनवाई का अधिकार केवल उच्च न्यायालय को प्राप्त है। इसलिए अपर जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा पारित स्थगन आदेश अधिकार क्षेत्र से परे और विधिक रूप से गलत है।
डीएम ने दी कार्रवाई के निर्देश
उप अभिरक्षक के पत्र पर डीएम अविनाश सिंह ने मामले की गंभीरता देखते हुए त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। डीएम के आदेश पर एडीएम सिटी सौरभ दुबे ने जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) को पत्र भेजकर न्यायालय में प्रभावी पैरवी करने को कहा है।
उन्होंने निर्देश दिया है कि शाहदत अली बनाम सिटी मजिस्ट्रेट आदि प्रकरण में जारी स्थगन आदेश को निरस्त कराकर भारत सरकार के पक्ष में राजस्व अभिलेखों के अनुसार कब्जा नामे की कार्रवाई कराई जाए। साथ ही, प्रकरण के निस्तारण के बाद प्रशासन को यथाशीघ्र अवगत कराया जाए।
सरकारी संपत्ति पर कब्जे की कोशिशों पर सख्ती
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब जिले में शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जे और हेरफेर के मामलों पर सख्ती बरती जा रही है। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि इस प्रकरण में यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो संबंधित राजस्व कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।






