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50 हजार की घूस में फंसे दरोगा दीपचंद की कुंडली खंगालेगी एंटी करप्शन टीम

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बरेली। घूसखोरी के मामले में पकड़े गए दरोगा दीपचंद की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ने वाली हैं। भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) टीम के जाल में 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए इस दरोगा की अब आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू होने जा रही है। अगर जांच में अवैध संपत्ति मिली, तो दीपचंद पर एक और शिकंजा कस सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, एंटी करप्शन की विवेचना में भी दीपचंद दोषी पाया गया है। टीम ने उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।

कैसे हुआ था ट्रैप ऑपरेशन

छह जनवरी की शाम बहेड़ी थाना क्षेत्र की भुड़िया चौकी के प्रभारी दरोगा दीपचंद को एंटी करप्शन टीम ने चौकी परिसर में ही 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

पिपलिया निवासी जीशान के चाचा और भाई पर दर्ज मारपीट की रिपोर्ट में मामला रफा-दफा करने के नाम पर दीपचंद ने यह रकम मांगी थी। परेशान होकर जीशान ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। प्रारंभिक जांच में मामला सही मिलने पर टीम ने ट्रैप बिछाया और दरोगा की मेज की दराज से रिश्वत के 50 हजार रुपये बरामद किए।

गिरफ्तारी के बाद दीपचंद को जेल भेज दिया गया। मामले की विवेचना एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर इश्तियाक वारसी को सौंपी गई थी, जिन्होंने मार्च में चार्जशीट दाखिल कर दी।

पत्नी ने लगाई थी मुख्यमंत्री से गुहार

गिरफ्तारी के बाद दरोगा की पत्नी गुंजन ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए एंटी करप्शन टीम पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनके अनुसार, टीम ने जानबूझकर उनके पति को फंसाया है।

पुलिस और एंटी करप्शन दोनों कर रही जांच

इस मामले में जांच का एक हिस्सा पुलिस को और दूसरा एंटी करप्शन टीम को सौंपा गया था। एसएसपी अनुराग आर्य ने दीपचंद को निलंबित करते हुए विभागीय जांच के लिए एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम बनाई थी।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस जांच में कुछ बिंदुओं को संदिग्ध माना गया है, जिससे भविष्य में दीपचंद को आंशिक राहत मिल सकती है। हालांकि, आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू होते ही उनकी परेशानियां फिर बढ़ने लगी हैं।

अब आगे क्या

अब शासन स्तर से एंटी करप्शन संगठन दीपचंद की चल-अचल संपत्तियों की विस्तृत जांच कराने की तैयारी कर रहा है। यदि संपत्ति आय के अनुपात से अधिक मिली तो उनके खिलाफ एक और केस दर्ज किया जा सकता है।

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