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ठेकेदारी के नाम पर ऑनलाइन ठगी का शिकार हुआ ठेकेदार

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बरेली। ठेकेदारी के लिए चरित्र प्रमाण पत्र बनवाना एक ठेकेदार को महंगा पड़ गया। ऑनलाइन सेवा केंद्र चलाने वाले युवक ने आवेदन कराने के बहाने मोबाइल अपने कब्जे में लेकर बैंक खातों से ₹1.60 लाख की रकम साफ कर दी। रकम लौटाने का लिखित समझौता होने के बावजूद आरोपी ने अब तक एक पैसा नहीं लौटाया। पीड़ित ने एसएसपी से न्याय की गुहार लगाई है।

चरित्र प्रमाण पत्र के बहाने लगी चपत

ग्राम बिधुरैया, थाना भमोरा निवासी मोहित कुमार सिंह पुत्र श्री यादवेन्द्र सिंह उर्फ पप्पू ने एसएसपी अनुराग आर्य को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उसे ठेकेदारी के लिए चरित्र प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी। 6 अगस्त 2025 को वह ग्राम देवचरा निवासी धीरज गुप्ता पुत्र स्व. विनोद गुप्ता की ऑनलाइन सेवा केंद्र दुकान पर आवेदन कराने गया था। धीरज ने उसका मोबाइल लेकर आवेदन किया और कहा कि रसीद 15 अगस्त को मिल जाएगी।

खाते से उड़ाए 1.60 लाख रुपये

मोहित के मुताबिक, तय तारीख पर जब वह रसीद लेने गया तो धीरज ने फिर मोबाइल लेकर कुछ और कार्य किया और कहा कि 20 अगस्त को आना। इसी बीच 18 अगस्त को जब उसने एसबीआई शाखा बल्लियों में सेकंड हैंड कार खरीदने के लिए चेक दिया, तो बैंक खाते में मात्र ₹57,347 बचे थे। स्टेटमेंट निकलवाने पर पता चला कि धीरज ने उसके एसबीआई और डीएफसी बैंक खातों से कई बार में ₹5,000, ₹5,000, ₹50,000, ₹50,000 और ₹50,000 रुपये ट्रांसफर कर लिए हैं।

लिखित समझौते के बाद भी नहीं लौटाई रकम

पीड़ित ने बताया कि जब उसने रकम लौटाने की बात कही तो धीरज उलझ पड़ा। बाद में थाना भमोरा में शिकायत करने पर पुलिस दबाव में आरोपी ने 28 अगस्त 2025 को गवाहों के सामने लिखित समझौता किया कि दो माह में पूरी रकम लौटा देगा, लेकिन अब तक एक पैसा भी नहीं लौटाया।

पीड़ित ने मांगी सख्त कार्रवाई

पीड़ित मोहित ने अब एसएसपी अनुराग आर्य से आरोपी धीरज गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के तहत मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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