घोषणा से पहले ही गांवों में मचा चुनावी शोर, चौपालों से लेकर व्हाट्सऐप तक छिड़ी पंचायत की जंग

बरेली। जिले में पंचायत चुनाव की आधिकारिक घोषणा भले ही न हुई हो और न ही आरक्षण तय हुआ हो, लेकिन गांवों में चुनावी हलचल तेज हो गई है। संभावित प्रत्याशियों ने चुनावी चौसर बिछाना शुरू कर दिया है। चाय की दुकानों से लेकर चौपाल तक, हर जगह पंचायत चुनाव की चर्चाएं जोरों पर हैं।
फतेहगंज पूर्वी क्षेत्र में बिछी चुनावी बिसात
फतेहगंज पूर्वी क्षेत्र में कुल 72 ग्राम पंचायतें हैं। इसके अलावा फरीदपुर और भुता ब्लॉक लगने के कारण यहां दो ब्लॉक प्रमुख पदों पर भी इस क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी रहती है। संभावित दावेदार अब अपने-अपने समीकरण साधने में जुट गए हैं।
हालांकि, प्रधान पद, बीडीसी सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के आरक्षण निर्धारण का इंतजार अब भी बना हुआ है। चर्चा है कि इस बार आरक्षण का “चक्रानुक्रम फार्मूला” लागू किया जाएगा। इसी को देखते हुए प्रत्याशी अपनी तैयारियां और रणनीति बना रहे हैं।
गांवों में खेमेबाजी तेज, चौपालों में गर्म चर्चा
गांवों में अब खेमेबाजी भी खुलकर सामने आने लगी है। चौपालों पर चर्चाएं इस अंदाज में गूंज रही हैं
“फला आरक्षण पर हम तुमरे अलावा कोई कहियां चुनाव नाइ लड़ाइव, लेकिन भाई हमरव ध्यान राखेव।” इस तरह की बतकही से गांवों का माहौल और भी रोचक हो गया है। ग्रामीण इस चुनावी गर्मी का पूरा आनंद ले रहे हैं।
इंटरनेट मीडिया पर भी छिड़ी ‘चुनावी जंग’
संभावित उम्मीदवार अब इंटरनेट मीडिया को भी हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। कई दावेदारों ने अपने-अपने वाट्सएप ग्रुप बना रखे हैं, जिनके जरिए वे बाहर शहरों में रह रहे गांव के लोगों से जुड़ाव बनाए हुए हैं।
त्योहारों पर शुभकामना संदेश भेजने के साथ ही वे वर्तमान जनप्रतिनिधियों की कमियों को सोशल मीडिया पर उजागर कर रहे हैं। कुछ दावेदार अधिकारियों को टैग कर शिकायतें भी कर रहे हैं ताकि कार्रवाई का श्रेय उन्हें मिल सके। कार्रवाई होते ही उसका स्टेटस और पोस्ट शेयर कर अपनी सक्रियता दिखा रहे हैं।






