पैसा खाते में… पर स्वेटर और जूते नहीं खरीदे! परिषदीय स्कूलों में ठंड से जूझते बच्चे

बरेली। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को यूनिफॉर्म, जूता–मोजा और बैग खरीदने के लिए सरकार द्वारा अभिभावकों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से धनराशि भेज दी गई है, लेकिन कई अभिभावक अब तक बच्चों के लिए आवश्यक स्वेटर और जूते नहीं खरीद रहे हैं। इस वजह से ठंड बढ़ने के बावजूद बड़ी संख्या में छात्र–छात्राएं बिना स्वेटर, बिना जूते–मोजों के स्कूल पहुंच रहे हैं।
बालजती स्कूल: 50% बच्चे बिना स्वेटर, धूप में बैठकर काटी ठंड
नगर क्षेत्र के कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय बालजती में गुरुवार को मध्याह्न भोजन के दौरान बच्चे खेलते दिखाई दिए। कई छात्राएं स्वेटर न होने के कारण धूप सेंकती हुई मिलीं।
विद्यालय में 256 पंजीकृत बच्चे
247 बच्चों के अभिभावकों को DBT जारी, फिर भी 50% बच्चे बिना स्वेटर के स्कूल आए। सहायक अध्यापिका जुबिया खान ने बताया कि अभिभावकों को पैरेंट्स मीटिंग में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, कई माता–पिता जल्द स्वेटर खरीदने की बात कहकर टालमटोल कर रहे हैं।
गौंटिया खुर्रम: DBT मिली, फिर भी 40% बच्चे बिना ऊनी वस्त्र
प्राथमिक विद्यालय गौंटिया खुर्रम में शिक्षिका तब्बसुम ने बच्चों को स्मार्ट क्लास में पढ़ाया। 45 पंजीकृत छात्र, 43 बच्चों को DBT मिल चुकी है इसके बाद भी 40% बच्चों ने स्वेटर और जूते नहीं पहने। शिक्षिका तब्बसुम ने बताया कि पैरेंट्स मीटिंग में दोबारा सभी अभिभावकों को स्वेटर खरीदने को कहा जाएगा।
बुखारा स्कूल: 35% बच्चे बिना स्वेटर, कई पुरानी यूनिफॉर्म में
कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय बुखारा में कक्षा 6 व 8 के कई बच्चे पुरानी यूनिफॉर्म पहने हुए मिले। स्वेटर न होने पर बच्चों ने बताया कि पुराना स्वेटर छोटा हो गया है, नया जल्द लिया जाएगा।
262 बच्चे पंजीकृत
164 बच्चों को यूनिफॉर्म DBT जारी फिर भी 35% बच्चे बिना स्वेटर कक्षा में बैठे नजर आए।प्रधानाध्यापिका उर्मिला ने कहा कि पैरेंट्स मीटिंग में अधिक दबाव डालने पर कई अभिभावक नाराज़ होकर बच्चों को स्कूल ही न भेजें, इस डर से उन्हें बार–बार नहीं टोका जाता।






