कागजों में हरियाली, खातों में पैसा! बरेली में प्राकृतिक खेती योजना में 25 लाख का फर्जीवाड़ा

बरेली। जनपद के कृषि विभाग में एक बार फिर बड़ा घोटाला सामने आया है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के नाम पर 25 लाख रुपये से अधिक की सब्सिडी फर्जी तरीके से हड़पने का गंभीर आरोप लगा है। मामला सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने के बाद हड़कंप मच गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस पूरे प्रकरण की जांच कराकर कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं।
1650 एकड़ में दिखाई गई कागजी खेती!
मीरगंज तहसील क्षेत्र के सतुईया गांव निवासी किसान मनीष शर्मा ने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में बताया कि आंवला और मीरगंज क्षेत्र में 1650 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती दर्शाकर करीब 25 लाख रुपये की सब्सिडी उन किसानों के खातों में भेज दी गई, जिन्होंने वास्तव में कोई प्राकृतिक खेती की ही नहीं।
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि जनपद को प्राकृतिक खेती के लिए मिले 87 लाख रुपये के बजट को भी इसी तरह कागजों में खपाने की तैयारी चल रही है।
प्रभारी उप कृषि निदेशक पर उठे सवाल
यह पूरा विवाद उस समय और गहराता चला गया, जब प्रभारी उप कृषि निदेशक अमर पाल पर गंभीर आरोप लगे। इससे पहले कृषि विभाग के एडीओ मुनेंद्र कुमार सैनी भी विभागीय अनियमितताओं को लेकर शिकायत कर चुके हैं। इतना ही नहीं, विभागीय टेंडर प्रक्रिया में भी चहेती फर्म को लाभ पहुंचाने के आरोप लगे थे। अनियमितता की आशंका पर सीडीओ स्तर से टेंडर निरस्त कर दिया गया था।
CM ऑफिस से सख्त रुख
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव भास्कर चंद्र कांडपाल ने निदेशक कृषि को पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
आरोपों पर क्या बोले अधिकारी?
अमर पाल (प्रभारी उप कृषि निदेशक) ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि“प्राकृतिक खेती योजना में अभी तक किसी किसान को कोई भुगतान नहीं हुआ है, इसलिए घपले का सवाल ही नहीं उठता।”
संयुक्त कृषि निदेशक दुर्विजय सिंह ने बताया कि“नए उप कृषि निदेशक की तैनाती की सूचना मिली है, लेकिन शिकायत या जांच को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।”
बदली गई व्यवस्था, नए DDA की तैनाती
विभागीय विवादों के बीच अमर पाल को उप कृषि निदेशक पद से हटाकर जौनपुर में तैनात अधिकारी हिमांशु पांडेय को बरेली का नया उप कृषि निदेशक बनाया गया है। वहीं, पहले से आरोपों में घिरे अभिनंदन सिंह अब तक बहाल नहीं हो सके हैं।




