बरेली कॉलेज में परीक्षा का तमाशा, कक्ष निरीक्षकों की कमी, चपरासी बने इनविजीलेटर, 7 बजे की परीक्षा 7:45 पर शुरू
बरेली। रुहेलखंड विश्वविद्यालय की परीक्षाएं बरेली कॉलेज में चल रही हैं, लेकिन व्यवस्था खुद परीक्षा की कसौटी पर खरी नहीं उतर रही। सोमवार को सुबह 7:00 बजे परीक्षा शुरू होनी थी, लेकिन शिक्षकों की ड्यूटी से दूरी और उदासीनता के चलते परीक्षा 45 मिनट देरी से, यानी 7:45 पर शुरू हुई।
जिम्मेदारी जिन शिक्षकों को निभानी थी, वहां ड्यूटी निभा रहे थे चपरासी। कक्ष निरीक्षक नहीं मिले तो व्यवस्थापक क्या करते? बिना प्रशिक्षित स्टाफ के जैसे-तैसे परीक्षा शुरू करवाई गई। छात्रों के भविष्य से किया जा रहा ये खिलवाड़ अब आम होता जा रहा है।
₹120 वाली ड्यूटी का तिरस्कार, प्राइवेट परीक्षा में चौंकाने वाली सक्रियता
विश्वविद्यालय द्वारा तय की गई ₹120 प्रति ड्यूटी की राशि को शिक्षकों ने “अपमानजनक” मानते हुए सरकारी परीक्षा ड्यूटी से किनारा कर लिया है। हैरानी तब होती है जब यही शिक्षक प्राइवेट संस्थानों की ड्यूटी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं — जहाँ ड्यूटी के साथ “ड्यूटी प्लस” भी मिलता है।
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रविवार को हुए एनडीए परीक्षा में बरेली के कई केंद्रों पर सेंटर इंचार्जों ने रिश्तेदारों तक को ड्यूटी में शामिल कर लिया। आखिर क्यों? क्योंकि वहाँ मिलने वाला मेहनताना ज़्यादा होता है। फिर चाहे नियमों का उल्लंघन हो या परीक्षा की गोपनीयता का खतरा — पैसा भारी पड़ता दिखता है नैतिकता पर।






